जालंधर/अमृतसर,एजेंसी। पंजाब की पाकिस्तान से सटी सीमा पर पाकिस्तान की ओर से हथियार, बम, ग्रेनेड और हेरोइन लेकर आने वाले ड्रोन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) व पुलिस के लिए चुनौती बन गए हैं। इन्हें ट्रेस करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। 2019 से शुरू हुआ यह सिलसिला अब तेजी से बढ़ने लगा है। अभी तक सिर्फ एक बार ही ऐसा हुआ है, जब ड्रोन पुलिस या बीएसएफ के हाथ लगा है। ज्यादातर मामलों में या तो ड्रोन हथियार या हेरोइन आदि गिराने में कामयाब हो जाते हैं या बीएसएफ जवानों की फायरिंग से लौट जाते हैं।
आइएसआइ, खालिस्तान समर्थक व गैंगस्टरों का गठजोड़
पाकिस्तान से आने वाले हथियार और हेरोइन में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ, खालिस्तान समर्थक और गैंगस्टरों को गठजोड़ सामने आ चुका है। आइएसआइ पाक सेना व पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान समर्थकों की मदद से हथियारों को सीमा पार भारतीय क्षेत्र में गिराती है। यहां से पंजाब में बैठे खालिस्तान समर्थक इसे गैंगस्टरों तक पहुंचाते हैं और गैंगस्टर इसे आगे डिलीवर करते हैं।
कब- कब गिराए हथियार
– सितंबर 2019: खेमकरण में एके टाइप की पांच राइफलें, 150 कारतूस, सात पिस्तौल ड्रोन ने गिराए गए, जो पुलिस ने बरामद कर लिए। यह ड्रोन ओवरलोडिंग के कारण क्रैश कर गया था। – 2 दिसंबर 2020: बीएसएफ ने कोट रजादा में 70 राउंड फाय¨रग की, लेकिन ड्रोन हथियार गिराकर वापस लौट गया। – 22 दिसंबर, 2020: गुरदासपुर में पाक ड्रोन ने 11 ग्रनेड गिराए। सुरक्षा एजेंसियों ने बरामद किए। – 22 फरवरी, 2021: गुरदासपुर सेक्टर में बीएसएफ ने पाक ड्रोन पर फायरिंग की थी। – 18 जून, 2021: पाक से ड्रोन के माध्यम से भेजे गए 50 पिस्तौल स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल ने बरामद किए। हेरोइन की खेप बरामद नहीं हो सकी। – 8 अगस्त, 2021: पुलिस ने ड्रोन से गिराए टिफिन बम, ढाई किलोग्राम आरडीएक्स, पांच ग्रनेड और सौ कारतूस बरामद किए।
रडार की पकड़ में नहीं आते
ड्रोन के छोटे आकार की वजह से पुलिस या सेना के सामान्य रडार इन्हें पकड़ नहीं पाते। इसके लिए स्पेशल मिलिमेट्रिक वेब रडार, ध्वनि यंत्र, इलेक्ट्रो-आप्टिक और इंफ्रा-रेड सेंसर जैसे उपकरणों की जरूरत है, जो अभी पुलिस या बीएसएफ के पास उपलब्ध नहीं हैं।
कोर्ट में पेंडिंग हैं केस
साल 2019 में पुलिस ने हथियारों का जखीरा बरामद कर 12 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। यह मामला कोर्ट में पेंडिंग है। इसके बाद 18 जून को 50 पिस्तौल सहित दो आरोपितों को काबू किया था, लेकिन मुख्य आरोपित फरार हैं।
” यह एक बेहद भयावह घटनाक्रम है। बीते पांच वर्षो में कई पिस्तौल, ग्रेनेड जब्त किए गए हैं। ड्रोन से होने वाला खतरा एक बड़ी सुरक्षा चुनौती है। चाहे बीएसएफ हो या अन्य एजेंसियां, वे प्रयास कर रही हैं और सभी ड्रोन से होने वाले इस खतरे की जानकारी रखते हैं। पंजाब पुलिस एनआइए व सीमा बीएसएफ के साथ मिलकर काम कर रही है।
– दिनकर गुप्ता, डीजीपी, पंजाब।