बीजेपी ने सात अक्टूबर को राष्ट्रीय कार्यसमिति की घोषणा की थी. कार्यसमिति से मेनका गांधी और उनके बेटे समेत कई नेताओं को बाहर कर दिया गया था.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाए जाने पर मेनका गांधी ने प्रतिक्रिया दी है. यूपी के सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी गांधी ने कहा कि कोई बड़ी चीज नहीं है और इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि हर वर्ष राष्ट्रीय कार्यसमिति बदली जाती है. कार्यसमिति बदलना पार्टी का हक है. मेनका गांधी ने कहा, ”मैं 25 साल से राष्ट्रीय कार्यसमिति में हूं, अगर उसे बदल दिया गया तो कौन सी बड़ी बात है?” उन्होंने साफ कहा कि नए लोगों को मौका मिलना चाहिए, इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है.
सात अक्टूबर को बीजेपी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की घोषणा की थी. इस कार्यसमिति से मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी समेत कई नेताओं को बाहर कर दिया गया था. वरुण गांधी तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति कई बार सहानुभूति दर्शा चुके हैं.
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी कार्यसमिति में शामिल किए गए नए सदस्य हैं. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और निर्मला सीतारमण कार्यसमिति में बने हुए हैं. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, प्रह्लाद पटेल, सुब्रमण्यम स्वामी, सुरेश प्रभु, वसुंधरा राजे, दुष्यंत सिंह, विजय गोयल, विनय कटियार और एसएस अहलूवालिया को भी नयी राष्ट्रीय कार्यसमिति में जगह नहीं मिली.
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करती है और संगठन के कामकाज की रूपरेखा तय करती है.
