मैनपुर। विकासखंड मुख्यालय राजापड़ाव क्षेत्र के आठ ग्राम पंचायत अड़गड़ी, शोभा, कोकड़ी, गरहाडीह, गौरगांव, गोना, भूतबेड़ा, कोचेंगा के 65 गांव पारा टोला के रहवासी अपने ही गढ़ में पिस रहे हैं। उन्हें अब तक मूलभूत बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
अंतिम गांव तक मूलभूत सुविधाएं दिलाने के लिए दम भरने वाली सरकारें आईं और गईं लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के गांव की हालत जस के तस ही है। कुछ दिन पूर्व क्षेत्र के मुखियाओं ने मोंगराडीह गांव में विशाल बैठक कर भूपेश बघेल सरकार से क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं दिलाने के लिए क्रमबद्घता ज्ञापन भेंट मुलाकात किए जाने की बात कही गई थी।
कांग्रेस पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों से बातचीत सभा का दौर भी चल रहा था लेकिन कोरोना वायरस के गाइड लाइन का परिपालन करते हुए क्षेत्रवासियों ने फिलहाल उस दौर को स्थगित किया हुआ है। समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है इंतजार की घड़ी अभी बाकी जैसा ही है। बरसों के बाद भी सरकारों से उम्मीदें विश्वास आज भी टिका हुआ है।
38 पारा टोला में नहीं पहुंची बिजली : आदिवासी नेता दलसू राम मरकाम ने बताया कि राजापड़;व क्षेत्र के शोभा, गोना, गौरगांव, गरीबा वाला आठ ग्राम पंचायत के लोग आज भी पानी, बिजली, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा स्वास्थ्य से कोसों दूर हैं। जिम्मेदार विधायक, सांसद, मंत्री को सिर्फ चुनाव के समय ही राजापड़ाव क्षेत्र की याद आती है। आज भी पांच ग्राम पंचायत के 38 पारा टोला में विद्युतीकरण नहीं हो पाई है।
बारिश के दिनों में परेशानी
क्षेत्र के उप स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कमी है। आठ ग्राम पंचायत क्षेत्र के माध्यमिक व प्राथमिक शालाओं में शिक्षक का अभाव है। पक्की सड़क से गांव को जोड़ने वाले गांव में भी कच्ची सड़क है। पुल पुलिया के अभाव में बरसात के दिनों में भयंकर परेशानियों से गुजरते हुए ग्रामीणों को आवाजाही करना पड़ता है। गरीबा और गोना डामरीकृत सड़कों की हालत जर्जर है। शोभा से करेली जाने वाली पक्की डामरीकृत सड़क पर बीचोंबीच गड्ढा हो गया है। आवाजाही में ग्रामीणों को परेशानी होती है लेकिन अभी तक उसका निराकरण नहीं किया जाना क्षेत्र के लिए दुर्भाग्य की बात है।