बुधवार रात यूएन जनरल असेंबली की मीटिंग के दौरान अमेरिका ने वॉर्निंग दी कि अगर रूस ने यूक्रेन में घुसपैठ की तो इसके भयानक परिणाम होंगे। यूएन में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ने कहा- अगर रूस ने अपना रास्ता नहीं बदला और यूक्रेन में घुसपैठ की तो वहां से 50 लाख लोगों को बेघर होना पड़ेगा। दुनिया के सामने एक और रिफ्यूजी संकट खड़ा हो जाएगा। और ये इतना बड़ा होगा कि इसके पहले कभी इतिहास में हमने इसका सामना नहीं किया होगा।
उधर, यूक्रेन के दो राज्यों को अलग देश घोषित करने के बाद रूस ने कीव में मौजूद अपनी एम्बेसी को खाली करना शुरू कर दिया है। रूस के खिलाफ रणनीति तय करने के लिए यूरोपीय यूनियन की गुरुवार को बेहद अहम मीटिंग होने जा रही है। वैसे खास बात यह है कि यही मीटिंग बेलारूस में होगी, जो पहले ही रूस के साथ है और रूसी फौज बेलारूस की धरती पर मौजूद है।
तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोआन ने बुधवार को फोन पर पुतिन से बातचीत की। एर्दोआन के ऑफिस से जारी बयान के मुताबिक- तुर्की ने पुतिन से कहा है कि जंग से कोई मसला हल नहीं होगा और हम यूक्रेन के खिलाफ उठाए किसी कदम का समर्थन नहीं करेंगे।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन उन लोगों पर शिकंजा कसने जा रही है, जो पुतिन के बेहद करीबी हैं। इनमें रूस के डिफेंस मिनिस्टर सर्गेई शोइग्यू और पुतिन के चीफ ऑफ स्टाफ एंटन वायनो शामिल हैं।