रायपुर। बीते कुछ वर्षों से त्योहारों में मेड इन चाइना उत्पादों से भारतीय दूरी बनाने लगे हैं यही कारण है कि देसी उत्पादों की बिक्री बढ़ गई है। इसी क्रम में आने वाले होली के त्योहार में इस साल भी रंगों के त्योहार में चाइना पिचकारियां बाजार में नहीं दिखेंगी। एक ओर कारोबारियों ने जहां चाइना माल मंगाना बंद कर दिया है, वहीं उपभोक्ताओं द्वारा भी देसी उत्पाद ही पसंद किए जा रहे हैं।
ऐसे में माहौल में अब बाजार में होली का रंग भी चढ़ने लगा है। संस्थानों में भी तरह-तरह की पिचकारियां, टोपी, हर्बल गुलाल, टाप्स, बाल आदि सज गए हैं और खरीदारों की भीड़ भी बढ़ने लगी है। लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए कारोबारियों द्वारा ज्यादा से ज्यादा देसी स्टाक मंगाया जा रहा है।
गोलबाजार के अलावा भी शहर भर में जगह-जगह लग रहे स्टाल
गोलबाजार के साथ ही अब शहर के विभिन्न क्षेत्रों में होली उत्पादों के स्टाल लगने शुरू हो गए हैं। दुकानों के बाहर स्टाल के साथ ही ठेलों में भी पिचकारियां व रंग-गुलाल की बिक्री शुरू हो गई है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों तक तो कोरोना के भय के चलते होली पर कारोबार ठप था, लेकिन इस वर्ष उम्मीद बढ़ गई है, अभी से संस्थानों में भीड़ बढ़ने लगी है। कारोबारी विमल जैन का कहना है कि होली नजदीक आते ही अब लोगों की भीड़ भी बढ़ने लगी है और लोग मनपसंद पिचकारियां खरीद रहे हैं।
20 रुपये से लेकर 700 तक की पिचकारियां
बाजार में आईं पिचकारियों की रेंज 20 से लेकर 700 रुपये तक है। बच्चों को लुभाने के लिए इस बार विशेष रूप से कार्टून पिचकारियों की रेंज आई है। इसके साथ ही शूटर पिचकारियां, पंप वाली पिचकारियां, मशीन गन पिचकारियां लोगों को लुभाने वाली हैं। पिचकारियों के साथ ही हर्बल रंग-गुलाल आए हुए हैं। पिचकारियां, रंग-गुलाल आगरा, दिल्ली, मथुरा से मंगाया जा रहा है, कीमतों में भी कोई तेजी नहीं है।