दुर्ग। बच्चो को कुपोषण से बचाए रखने आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन के अलावा रेडी-टू-ईट दिया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्रों में इन दिनों रेडी टू ईट की सप्लाई बंद है। ऐसे में बच्चो व गर्भवती माताओं को गरम भोजन ही परोसा जा रहा है। गरम भोजन के रूप से रोटी, चावल, दाल और सब्जी दी जा रही है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह साल आयु वर्ष के बच्चो आते हैं। इन बच्चो को पूरक पोषण आहार के रूप में रेडी-टू-ईट दिया जाता है। जिसमें गेहू, शक्कर, चना, तेल व सोयाबीन शामिल है। प्रत्येक बच्चो को सौ ग्राम पूरक पोषण आहार दिया जाना है। इसके अलावा गर्भवती माताओं को भी पूरक पोषण आहार का वितरण किया जाता है। पहले स्व सहायता समूहों के माध्यम से इसकी सप्लाई की जा रही थी लेकिन अप्रैल महीने से समूहों ने सप्लाई बंद कर दी है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केद्रों में रेडी-टू-ईट का वितरण भी नहीं हो रहा है। बच्चो को गरम भोजन परोसा जा रहा है। गर्मी की वजह से बच्चो को सुबह सात से 11 बजे तक बुलाया जा रहा है। केंद्रों में भोजन बनाने व परोसने का काम आंगनबाड़ी सहायिका कर रही हैं।
बच्चो ने खाया दाल, भात
अस्पताल वार्ड-दुर्ग के अस्पताल वार्ड स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में करीब 13 बधो आए हुए थे। यहां भी बच्चो को गरम भोजन परोसा गया। सहायिका ने बताया कि कुछ बधो पूरक पोषण आहार मांग रहे थे। वहीं उरला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में भी बधाों को गर्म भोजन परोसा गया। यहां भी बधाों को दाल-भात परोसा गया।
इन दिनों रेडी टू ईट की सप्लाई बंद है। ऐसे में बच्चो व गर्भवती माताओं को गरम भोजन ही परोसा जा रहा है। गरम भोजन के रूप से रोटी, चावल,दाल और सब्जी दी जा रही है।
-विपिन जैन, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग