भिलाई। सिस्टम की लापरवाही का नतीजा देखिए कि फुटपाथ पर कब्जा जमाए लोग अब चालानी कार्रवाई से भी नहीं डरते। वे बेखौफ है। न पुलिस का डर न प्रशासन का।
आप देते रहिए नोटिस, करते रहिए चालानी कार्रवाई, पर फुटपाथ से इनमें एक भी हटने वाला नहीं है। इनकी दादागिरी के चलते फुटपाथ पर चलना मुश्किल हो गया है।
फुटपाथ (सर्विस लेन) पर कब्जा का खेल काफी पुराना है। चरोदा के दोनों तरफ फुटपाथ पर कब्जा है। जहां चलना मुश्किल है। पावर हाऊस से नंदिनी जाने वाली सड़क पर छावनी चौक तक फुटपाथ नाम की चीज नहीं है। यह कब्जे के चलते गायब हो चुका है।
2018 में भिलाई निगम ने फुटपाथ निर्माण व आक्सीजोन बनाने के लिए कुछ कब्जे तोड़े थे, पर इसमें भी राजनीति हो गई। राजनीतिक दबाव के चलते कब्जा हटाने की कार्रवाई बंद हो गई। उसके बाद न फुटपाथ का निर्माण हो सका, न आक्सीजोन बना सका। स्थिति जस की तस है।
दक्षिण गंगोत्री व पावर हाउस में नहीं सुधरती स्थिति
पावर हाउस में दो पहिया वाहन तथा दक्षिण गंगोत्री में चार पहिया वाहन बेचने व खरीदने वालों का कब्जा है। यहां यदि आप कार लेकर घुस गए तो निकला काफी मुश्किल हो जाएगा।