मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित मंत्री, विधायक, हजारों कार्यकर्ता विरोध में उतरे सड़कों पर
रायपुर । कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को भेजे गये ईडी के सम्मन के विरोध में कांग्रेस ने राजधानी रायपुर में ईडी दफ्तर के सामने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित मंत्रीगण, कांग्रेस के पदाधिकारी, विधायक गण, 25 हजार से अधिक संख्या में आये कांग्रेस के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जो राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे विपक्ष भाजपा थी। अटल बिहारी बाजपेयी बीमार पड़े जिसका ईलाज हिन्दुस्तान में नहीं हो सकता था। विदेश में भेजकर प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व करा कर उनको अमेरिका भेजकर राजीव गांधी ने अटल बिहारी बाजपेयी का ईलाज करवाया। आज के प्रधानमंत्री उन्हीं स्व. राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी जो बीमार है, 75 वर्षीय है, उनसे लिखित में बयान ले सकते थे लेकिन ईडी के कार्यालय में बुलाकर उनको परेशान कर रहे। शर्म आनी चाहिये इन लोगों को प्रजातंत्र में लोकतंत्र में कभी कोई और सत्ता में रहते है कभी कोई और सत्ता में रहते है विपक्ष का सम्मान हमारे कांग्रेस पार्टी के नेता लोग करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जो एक बार नहीं दो-दो बार के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनाई। चाहती तो वो प्रधानमंत्री बन सकते थी जो प्रधानमंत्री की कुर्सी थे एक बार नहीं दो दो बार ठोकर मारी है। उन्हें आरोप लगाकर ईडी कार्यालय बुलाये है मामला क्या है? मामला नेशनल हेराल्ड का है। वो नेशनल हेराल्ड जो आजादी के लड़ाई मे मूल अखबार था, वो नेशनल हेराल्ड पं. ज्वाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, इन लोग स्थापित किये। अखबार को बचाने के लिये उसके कर्मचारी लोगों को वेतन देने के लिये, बिजली बिल पटाने के लिये, संपत्ति कर देने के लिये 90 करोड़ रूपये दिये। दस साल में दिया। 2002 से 2011 तक दिया। 100 किश्त में दस साल में 90 करोड़ रूपये दिया और नकदी से नही दिया चेक से दिया है। वो कर्मचारी जो दिन रात काम किये उनके वेतन भुगतान के लिये पैसा दिया। जहां अपराध हो रहे है उन्हे रोकने के लिये केन्द्रीय एजेंसी सीबीआई, ईडी, आईटी, ये सब बनी है न कि विरोधी को दबाने। हम लोग आज ईडी कार्यालय के सामने क्यों आये है? उनकी आंख को खोलने के लिये। जहां-जहां मनी लांड्रिंग हुआ वहां कार्यवाही किया जाये। यही ईडी सोनिया गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामला में 2015 में कार्यवाही बंद कर दिया था। इसमें कोई मनी लांड्रिंग हुआ नहीं तो जांच कैसे करेंगे? कानून बना है यदि एफआईआर दर्ज हुआ तभी ईडी जायेंगे। ईडी वाले बता दे सोनिया गांधी और राहुल गांधी देश भर में कौन से थाना में एफआईआर दर्ज हुआ। इस सवाल का जवाब नहीं दिया। जब राहुल गांधी को 5 दिन तक ईडी के दफ्तर में बुलाकर पूछताछ किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी के पास 5 सवाल नहीं है। 55 घंटे पूछताछ किये है। 12-12 घंटा 5 दिन तक पूछताछ चला। ये भाजपा के नेता, केन्द्रीय मंत्री गलत बयान देते है। 2 हजार करोड़ का घोटाला हुआ कैसे पता चला? ईडी वाले किसी को बताते नहीं भाजपा को कैसे पता चला? सभी की बोलती बंद हो गयी। ईडी वाले जहां पूछताछ कर रहे थे राहुल गांधी से वहां एक-एक कैमरा लगाने बोला गया था। ईडी वाले पूछ क्या रहे और राहुल गांधी जवाब क्या दे रहे है? जनता के सामने सीधा प्रसारण करते लेकिन इतनी हिम्मत नहीं मोदी सरकार में।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी वाले से पूछा कि रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह पनामा पेपर में नाम आया है जिसकी शिकायत हुई है, रमन सिंह और अभिषेक सिंह 6 हजार करोड़ रूपया छत्तीसगढ़ के जनता का चिटफंड कंपनी को लूटा दिया। मनी लाड्रिंग हुआ है चिटफंड कंपनी के पैसा गरीब जनता के पैसा, मेहनत करने वाले के पैसा चिटफंड कंपनियां लूट कर ले गयी। मनी लाड्रिंग हुआ है। इसमें ईडी कार्यवाही क्यों नहीं करती? हिम्मत है तो पूर्व सीएम के बेटे और सीएम मैडम से पूछ के बताये। ईडी जांच कर रहा है 36,000 करोड़ के नान घोटाला के सीएम सर और सीएम मैडम कौन है कौन बतायेगा, ईडी कर्मचारी बता दें। जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं विरोधी मन के सरकार है। महाराष्ट्र में सरकार बदल गये वहां ईडी के कार्यालय नहीं वहां उनका छापा नहीं पड़ रहा है।
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