भिलाई। एक लाख 70 हजार से अधिक वाहन चालकों की आवाजाही वाले सुपेला रेलवे क्रासिंग को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया।
अंडरब्रिज निर्माणी एजेंसी एवं यातायात पुलिस द्वारा क्रासिंग के दोनों ओर मार्ग पर बेरिकेड लगा दिया। रेलवे ने इस क्रासिंग को बारिश को देखते हुए 15 दिनों बाद बंद करने की बात कही थी। क्योंकि चंद्रा टाकीज अंडरब्रिज एवं प्रियदर्शनी परिसर स्थित अंडरब्रिज में बारिश का पानी भरने पर सुपेला रेलवे क्रासिंग से आना जाना कर सकें।
पुलिस प्रशासन एंव रेलवे में तालमेल के अभाव की वजह से इस तरह की स्थिति निर्मित हो गई। मानसून एक माह और है इस दौरान जमकर बारिश हुई तो अफसरों की लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ेगा। सुपेला क्रासिंग बंद होने से स्कूली बच्चों को भी परेशान होना पड़ गया।
सुपेला रेलवे क्रासिंग पर अंडरब्रिज का निर्माण होना है। इसकी वजह से यहां पर रेलवे क्रासिंग बंद करने एवं यातायात व्यवस्था चंद्रा टाकीज अंडरब्रिज एवं प्रियदर्शनी परिसर स्थित अंडरब्रिज से वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्णय लेते हुए रेलवे ने जिलाप प्रशासन को पत्र लिया था। इसमें बताया गया था कि सालभर में अंडरब्रिज का निर्माण हो जाएगा। तब तक वैकल्पिक व्यवस्था होगी।
इस पत्र के आधार पर बीते 12 अगस्त की सुबह निर्माणी एजेंसी व यातायात पुलिस के अफसरों ने निरीक्षण किया था। इस दौरान तय किया गया था कि कहां-कहा बेरिकेडिंग की जाएगी। उस दिन ही जिला यातायात पुलिस द्वारा जानकारी दी गई कि इस रेलवे क्रासिंग से आम लोगों की आवाजाही 16 अगस्त की सुबह सात बजे से हमेशा के लिए बंद हो जाएगी।
इस वजह से उठ रहे सवाल
भारी बारिश होते ही पावर हाउस, मौर्या चंद्रा टाकीज, प्रियदर्शनी परिसर एवं नेहरू नगर क्रासिंग अंडरब्रिज से आवाजाही बंद हो जाती है। इस वजह से फिलहाल इस बारिश के निकलते तक सुपेला रेलवे फाटक को आम लोगों के लिए बंद न करने का आग्रह प्रशासन की ओर से मौखिक रूप से रेलवे के प्रोजेक्ट विभाग के अफसरों से किया गया था। इसके बाद रेलवे के अफसरों ने जनसुविधा को देखते हुए 15 दिन विलंब से काम शुरू कराने का निर्णय लिया।
बकायदा बयान भी जारी किया गया। इसके पीछे यह भी वजह बताई गई थी कि प्रस्तावित सुपेला अंडरब्रिज के टाउनशिप की ओर वाले हिस्से में बीएसपी की नर्सरी स्थित है। इसमें करीब 214 पेड़ निर्माण से प्रभावित होंगे। इन पेड़ों को काटने के लिए रेलवे ने वन विभाग को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है।
बताया जाता है कि मामला अब तक अटका हुआ है। बीते 12 अगस्त को रेलवे के अफसरों ने बताया था कि पेड़ काटने की अनुमति का मामला लंबित है। 15 दिन और देरी से काम शुरू होने की जानकारी से लोगों ने भी राहत की सांस ली थी।