कांग्रेस (Congress) के ‘एक पद एक व्यक्ति’ वाले नियम के कारण राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) इस्तीफा देने के लिए मजबूर हैं क्योंकि पार्टी के शीर्ष पद के लिए वह चुनाव लड़ रहे हैं. एक पद के नियम और कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव (Congress President Election) के कारण लग रहा था कि राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के लिए दरवाजा खुल गया है और वहीं सत्ता के पायलट भी बनेंगे लेकिन बाजी अब पलटती नजर आ रही है.
गहलोट गुट के विधायकों को पायलट सीएम के तौर मंजूर नहीं है. निर्दलीय समेत करीब 100 विधायक अशोक गहलोत गुट से हैं. कल (रविवार) विधायक दल की बैठक होनी थी. माना जा रहा था कि सीएम के लिए पायलट के नाम की घोषणा होगी लेकिन उससे पहले विधायकों ने बगावत कर दी और इस्तीफा देने पर अड़ गए.
छत्तीस का आंकड़ा
सचिन को सीएम न बनने देने का यह रुख विधायकों का है या अशोक गहलोत का? यह सवाल है. कहने को 71 वर्षीय अशोक गहलोत और 45 वर्षीय सचिन पायलट की उम्र में 26 साल का अंतर है लेकिन आंकड़ा छत्तीस का है.
क्या हैं अशोक गहलोत की तीन जिंद?
सोनिया गांधी और राहुल गांधी से अशोक गहलोत की मांग है कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद राजस्थान के नए सीएम का चयन किया जाए.
सीएम गहलोत की दूसरी मांग है कि नया सीएम 102 विधायकों में से वह व्यक्ति बने जिसने 2020 में सत्ता संकट के दौरान सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई, न कि कोई ऐसा जो इसे गिराने के प्रयास में शामिल था.
अशोक गहलोत की तीसरी मांग है कि राजस्थान का सीएम उनकी पसंद का ही बनाया जाए.
सचिन पायलट को लेकर गांधी परिवार का क्या रुख है?
राजस्थान कांग्रेस में 2020 के सत्ता संघर्ष के दौरान लग रहा था कि सचिन पायलट भी ज्योतिरादित्य सिंधिया वाला रास्ता अख्तियार करेंगे और विधायक तोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाएंगे लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्हें किसी तरह मना लिया था. प्रियंका गांधी पायलट को सीएम बनाने के पक्ष में हैं. वहीं, पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी चाहते हैं कि पायलट सीएम बनें लेकिन अशोक गहलोत चाहते हैं कि राजस्थान के विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सीएम बनाया जाए.
इस दिन तक किसी बैठक में शामिल न होने का विधायकों का एलान
दो बड़े नेताओं के आपसी टकराव से फिलहाल राजस्थान में सत्ता संकट पैदा हो गया है और जमकर पॉलिटिकल ड्रामा चल रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के नतीजे 19 अक्टूबर को आएंगे. गहलोत गुट के विधायकों का कहना है कि 19 अक्टूबर तक वे किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे. राजस्थान की राजनीति के लिए आज का दिन खास है. आज पार्टी आलाकमान कोई फैसला ले सकती हैं.