नई दिल्ली (आईएएनएस)| गुजरात के विधान सभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री होने के बाद यह दावा किया जा रहा है कि इस बार राज्य में कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है, यानी भाजपा-कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के बीच। लेकिन गुजरात में आम आदमी पार्टी की धमाकेदार एंट्री और अरविंद केजरीवाल के आक्रामक चुनाव प्रचार के बावजूद भाजपा को इस बार अब तक की अपनी सबसे बड़ी जीत की उम्मीद नजर आ रही है। गुजरात के विधान सभा के चुनावी नतीजों के इतिहास की बात करें तो भाजपा को प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी जीत 2002 के विधान सभा चुनाव में हासिल हुई थी। 2002 के चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी 127 सीटों पर बंपर जीत के साथ दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। भाजपा को न तो इससे पहले के चुनावों में इससे ज्यादा सीटें हासिल हो पाई और न ही इसके बाद के चुनावों में। 1995 में 121 विधान सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने अपने दम पर पहली बार राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। 1998 में 117 सीटें जीतकर भाजपा ने दूसरी बार, 2002 में 127 सीटें जीतकर तीसरी बार, 2007 में 117 सीटें जीतकर चौथी बार और 2012 में 115 सीटें जीतकर लगातार पांचवी बार राज्य में अपनी सरकार बनाई।
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