दुर्ग। औद्योगिक क्षेत्र बोरई रसमडा मे फिर से प्रदूषण फैलने लगा है। गृहमंत्री का बैठक लेकर दी गई चेतावनी का कोई असर नहीं हो रहा है। प्रदेश के मुखिया का जिला दुर्ग और गृह मंत्री का विधान सभा मे स्थापित बोरई औद्योगिक केन्द्र के अंतर्गत स्थापित उद्योग समुहो से निकलने वाले डस्ट और काला धुआ से निकट के 7-8 ग्रामो मे भारी प्रदूषण व्याप्त है। उल्लेखनीय हैं कि लगभग 3-4 महीने पहले ग्रामीणो ने चक्का जाम कर अपना विरोध दर्ज कराया था। उसके बाद क्षेत्र के विधायक और छ ग शासन के कद्दावर नेता गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने प्रशासन के उच्चाधिकारीयो को तलब कर बैठक लेकर प्रदूषण के रोकथाम के लिए कठोर हिदायत दिए थे। बैठक के एक दो सप्ताह तक प्रशासन ने मुस्तैदी से अपने दायित्व का निर्वाहन किया !इस बीच प्रदूषण मे काफी गिरावट देखने को मिला ! गृहमंत्री ने पुनः दूसरा बैठक लेकर प्रदूषण के रोकथाम के लिए अनुविभागीय अधिकारी दुर्ग के नेतृत्व में पर्यावरण एवं प्रदूषण निवारण मंडल के अधिकारियों की समिति गठित कर निरंतर निरीक्षण करने का आदेश दिया था !! लेकिन समिति गठित होने के बावजूद विगत एक माह से पुनः इन उद्योग से निकलने वाले प्रदूषण से ग्रामीण त्रस्त हैं। नवरात्रि पर रसमडा के झापी डोगरी मंदिर, शीतला मंदिर, रसमडा अस्पताल, स्कूल, के फर्श मे पटे डस्ट से आभास होता है कि बैठक मे दिए गए निर्देश और प्रदूषण रोकथाम के लिए गठित निरीक्षण समिति मात्र औपचारिक घोषणा थी । रसमडा गनियारी सहित देश भर मे विख्यात जैन तीर्थ नगपुरा के परिसर मे प्रतिदिन भारी डस्ट दिखाई देता है। उद्योग से रात्रि मे भारी भरकम प्रदूषण फैलाया जाता है। धरातल तक ना तो अधिकारी पहुंचता और ना ही समिति ! वर्तमान मे प्रदूषण की स्थिति देखकर आभास होता है कि गृहमंत्री के द्वारा लिए गए दो – दो बैठक और इस बैठक में माननीय मंत्री जी द्वारा दिए गए निर्देशो का प्रशासन के अधिकारियों पर कोई असर नहीं होता। आम जनता पहले की तरह अब भी ठगा महसूस कर रहा है । स्थानीय लोगो को रोजगार दिलाने और प्रदूषण की रोकथाम करने में माननीय मंत्री जी भी असमर्थ ओर बेबस दिखाई दे रहे हैं?
