रायपुर, वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश से यह साबित हो गया कि भाजपा की साख गिर रही है। नंदकुमार साय जैसा वरिष्ठ नेता जो भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक है,भाजपा छोड़कर कांग्रेस प्रवेश कर लिये। भाजपा आदतन आदिवासी विरोधी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के अंदर आदिवासी नेताओं को प्रताड़ित और शोषित किया जाता है। विश्व आदिवासी दिवस के दिन आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को पद से हटा कर भाजपा ने आदिवासी समाज के प्रति अपने रवैय्ये को प्रदर्शित किया था। नंदकुमार साय वरिष्ठतम आदिवासी नेताओं में से एक हैं। उन्होंने भाजपा छोड़ा है तो यह भाजपा की आदिवासी विरोधी सोच का ही परिणाम है।
मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासी समाज का न सिर्फ सम्मान किया आदिवासी समाज को उनके संवैधानिक अधिकारों को बहाल करने का भी काम किया है। यही कारण है कि नंदकुमार साय जैसे वरिष्ठ और विद्वान आदिवासी नेता कांग्रेस में शामिल हुये।
मरकाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद बीते साढ़े चार वर्ष में आदिवासी जनजाति वर्ग के लिये सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजना बनाकर काम किया है। जिसके चलते आदिवासी वर्ग की जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है इससे पूरा आदिवासी समाज प्रभावित हुआ। भाजपा से जुड़े आदिवासी नेता भी कांग्रेस सरकार की कामों की तारीफ कर रहे हैं। आदिवासी वर्ग के हित के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजना बनाई गई। आदिवासियों के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल, जंगल, जमीन, उनके कानूनी अधिकारों के लिए काम किया गया है। कांग्रेस की सरकार ने आदिवासी वर्ग के चहुंमुखी विकास के लिए रोजगार मूलक योजनाएं बनाई। बस्तर क्षेत्र में आदिवासी के वर्ग शिक्षा के लिए 300 से अधिक बंद स्कूलों को शुरू किया गया। नक्सलवाद को खत्म करने के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा के नीतियों के तहत काम किया गया।