सेबी ने अपने हलफनामे में कहा कि अडानी ग्रुप काफी फैला हुआ है। उसे जांच करने के लिए अपने देश के साथ दूसरे देशों में भी संपर्क साधना पड़ रहा है। सही जांच रिपोर्ट न केवल निवेशकों के हित में है बल्कि सेबी के लिए भी ये काफी अहम है।
अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच कर रही सेबी (सिक्योरिटिज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट में एक और हलफनामा दाखिल करके उन कारणों को गिनाया है जिसकी वजह से जांच का समय कम से कम छह माह और बढ़ाने की जरूरत है। अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से सेबी ग्रुप के खिलाफ जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच के लिए दो माह का वक्त दिया था। 2 मई को मियाद पूरी हुई तो सेबी ने छह माह का एक्सटेंशन देने की अपील सीजेआई से की थी। लेकिन उन्होंने तीन माह का अतिरिक्त समय दिया।
सेबी ने अपने हलफनामे में कहा कि अडानी ग्रुप काफी फैला हुआ है। उसे जांच करने के लिए अपने देश के साथ दूसरे देशों में भी संपर्क साधना पड़ रहा है। सही जांच रिपोर्ट न केवल निवेशकों के हित में है बल्कि सेबी के लिए भी ये काफी अहम है कि वो जांच मुकम्मल करके सुप्रीम कोर्ट के पास सारा सच बयान करे। सेबी का कहना है कि तीन महीने का समय कम होगा। लिहाजा उसे कम से कम छह माह का एक्सटेंशम मिलना चाहिए।