राजस्थान में चुनाव करीब आ गया है, बीजेपी प्रचार में लग चुकी है, कांग्रेस भी एक्शन मोड में है। लेकिन इस सब के बीच सचिन पायलट जमीन पर अलग ही अंदाज में दिखाई दे रहे हैं। वे कई दिनों से राज्य में अपनी जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे हैं। उस यात्रा का तो सोमवार को समापन हो गया, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पायलट की तरफ से एक बड़ा अल्टीमेटम दे दिया गया है।
पायलट ने यात्रा के आखिरी दिन क्या बोला?
जन संघर्ष यात्रा की आखिरी रैली को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने दो टूक कहा है कि अगर महीने के अंत तक उनकी मांगे नहीं मानी गईं, अगर भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं हुई, अगर युवाओं को रोजगार नहीं मिला, न्याया नहीं किया गया, तो उस स्थिति में पूरे राज्य में आंदोलन किया जाएगा। पायलट ने जोर देकर कहा कि वे खुद पैदल जनता के बीच जाएंगे, उनके मुद्दे उठाएंगे। जनता से बात करते हुए सचिन पायलट बोले मेरे पास तो बस जूते थे, पैर में डालकर निकल गया था, क्या पता था कि इतने लोगों का समर्थन मिल जाएगा। मेरे विरोधी मेरे काम करने के तरीके पर सवाल कभी नहीं उठा सकते हैं, मैं तो किसी पद पर रहूं ना रहूं, राजस्थान की जनता की सेवा करना ही मेरा उदेश्य है। मैं आगे भी किसी से नहीं डरने वाला हूं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी एक बार फि पायलट ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि आखिर कैसे पेपर लीक हो जाते हैं। कई बच्चे गांव से शहर आते हैं, महंगी कोचिंग लेते हैं, मां-बाप फीस जमा करते हैं और ऐन वक्त पर ये पेपर लीक हो जाते हैं। ये पूरा तंत्र ही बदलना पड़ेगा, अगर बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं होगा तो देश का कैसे हो जाएगा। जनता सही गलत सब समझती है।
अंदरूनी झगड़े और चुनावी मौसम, कांग्रेस क्या करेगी?
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब सचिन पायलट यूं सीएम पर हमलावर हुए हों। नाम उनका नहीं लिया गया, लेकिन निशाना वहीं रहा। चुनावी मौसम में पायलट का ये रवैया कांग्रेस को मुश्किल डाल रहा है। अंदरूनी झगड़ों का खामियाजा जैसे बड़े राज्यों में सत्ता गवाकर पार्टी कर चुकी है, अब राजस्थान में कैसे स्थिति को कंट्रोल में किया जाए, ये पार्टी के सामने बड़ा सवाल है।