टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को लोकसभा एथिक्स कमेटी के प्रमुख विनोद सोनकर पर भड़क उठीं। कैश फॉर क्वैरी केस में मीडिया के सामने खुलेआम बोलने को लेकर विनोद सोनकर पर सवाल उठाए। इसके साथ ही महुआ ने यह भी पूछा है कि आखिर दर्शन हीरानंदानी द्वारा दाखिल एफिडेविट मीडिया तक कैसे पहुंचा? गौरतलब है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाए थे, जिसके बारे में जांच चल रही है।
पहले इसकी हो जांच
टीएमसी सांसद ने इस बारे में सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर इस बारे में लिखा है। महुआ ने यहां पर लोकसभा के नियमों का हवाला दिया है। इसके मुताबिक किसी सदस्य द्वारा एथिक्स कमेटी के सामने पेश सबूतों को तब तक आम नहीं किया जा सकता, जब तक कि उसे टेबल तक नहीं पहुंच गया है। मोइत्रा ने समिति के अध्यक्ष से कहा कि वह सबसे पहले इस बात की जांच करें कि हीरानंदानी का हलफनामा मीडिया में कैसे पहुंचा। उन्होंने आगे लिखा कि भाजपा का सिर्फ एक एजेंडा है कि अडानी पर मुझे खामोश रखने के लिए लोकसभा से निष्कासित कराना।
यह है पूरा मामला
हलफनामे में कारोबारी हीरानंदानी ने इस बात पर सहमति जताई है कि उन्होंने संसद की लॉगिन डिटेल हासिल करने और सवाल पूछने के बदले में मोइत्रा को घूस दी थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अडानी समूह पर हमला करके टीएमसी सांसद मशहूर होना चाहती थीं। गौरतलब है कि टीएमसी सांसद द्वारा संसदीय विशेषाधिकार के उल्लंघन, आपराधिक साजिश और सदन की अवमानना के आरोपों को सबसे पहले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उठाया था। इससे पहले एथिक्स कमेटी ने हलफनामा मिलने की पुष्टि की और कहा कि वह सभी आरोपों की व्यापक जांच करेगी।