श्रमिक अन्नपूर्णा योजना के एक साल, 50 लाख श्रमिकों को 5 रु. में भोजन
– 50 से अधिक श्रमिकों वाली कंस्ट्रक्शन साइट पर भोजन की डिलीवरी
गांधीनगर। गुजरात सरकार की श्रमिकों के लिए शुरू की गई महत्वाकांक्षी श्रमिक अन्नपूर्णा योजना एक साल के भीतर नया कीर्तिमान रच रही है। पिछले साल अक्टूबर में राज्य सरकार ने श्रमिक अन्नपूर्णा योजना शुरू की थी और योजना के एक साल पूरे होने तक राज्य के लगभग 50 लाख श्रमिक योजना के अंतर्गत 5 रुपए में भोजन का लाभ पा चुके हैं। श्रमिकों की सुख-सुविधा को ध्यान में रखते हुए कंस्ट्रक्शन साइट (निर्माण स्थल) पर भोजन की डिलीवरी भी की जाती है। यहां तक कि 50 से अधिक श्रमिकों वाली कंस्ट्रक्शन साइट पर भोजन की डिलीवरी की जाती है। अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत तथा वडोदरा की 13 साइट्स पर श्रमिकों के लिए भोजन पहुँचाया जाता है।
10 जिलों में 118 कडियानाकों पर श्रमिकों को भोजन
श्रमिक अन्नपूर्णा योजना अंतर्गत राज्य में 10 जिलों में 118 (कडियानाकों) श्रमिक नुक्कड़ों पर भोजन प्रदान किया जाता है। इन जिलों में अहमदाबाद (47 कडियानाके), गांधीनगर (4 कडियानाके), वडोदरा (12 कडियानाके), सूरत (18 कडियानाके), नवसारी (3 कडियानाके), राजकोट (9 कडियानाके), मेहसाणा (7 कडियानाके), वलसाड (6 कडियानाके), पाटण (8 कडियानाके) और भावनगर (4 कडियानाके) शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की नेतृत्व वाली राज्य सरकार इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
भोजन में क्या-क्या मिलता है
इस योजना के अंतर्गत श्रमिकों को भोजन में फलियों की सब्जी, आलू और मिक्स सब्जी, रोटी, चावल, अचार/मिर्च, गुड़ और हर गुरुवार को कढ़ी-खिचड़ी तथा सप्ताह में एक बार सुखड़ी या हलवा दिया जाता है। सरकार की ओर से प्रति भोजन 37 रुपए की सब्सिडी देकर केवल 5 रुपए में श्रमिकों को भोजन प्रदान किया जाता है।
ई-निर्माण कार्ड से भोजन प्राप्त करते हैं श्रमिक
श्रमिक अन्नपूर्णा के सभी केन्द्रों पर श्रमिक ई-निर्माण कार्ड की सहायता से भोजन प्राप्त करते हैं। श्रमिक अपने कार्ड का क्यूआर (QR) कोड स्कैन करवा कर टिफिन या स्थल पर ही एक समय का भोजन प्राप्त कर सकते हैं। जिन लाभार्थियों के पास ई-निर्माण कार्ड नहीं है, उनके लिए बूथ पर ही निर्माण श्रमिकों का अस्थायी पंजीकरण होता है और 15 दिनों तक वे भोजन प्राप्त कर सकते हैं।