इंदौर / मकर संक्रांति पर पूरा इंदौर पतंग बाजी के लिए तैयार है। अहमदाबाद, जोधपुर, बरेली, राजकोट और जयपुर से पतंग बिकने इंदौर आई हैं। इंदौर में सबसे ज्यादा डिमांड जर्मनी के कागज से गुजरात में बनी पतंग की है। इंदौर में पतंग का थोक व रिटेल कारोबार करने वाले व्यापारियों का कहना है कि इस साल अभी तक लगभग 7 करोड़ रुपए की पतंग और मांझा बिक चुका है। वहीं आखिरी 2 दिनों में 1 करोड़ रुपए का और कारोबार होने की संभावना है।
इंदौर में इस साल 14 जनवरी और 15 जनवरी को मकर संक्राति का त्योहार मनाया जाएगा। इसके लिए इंदौर में बड़ी मात्रा में पतंग बिकने आई हैं। दशकों से पतंग का व्यापार कर रहे शेखर राजौरा ने बताया कि इस बार जर्मनी के राइस पेपर से गुजरात में बनने वाली पतंग के साथ ही कान बाज, इकन्ना, दुकन्ना, तिरियल, लिप्पू, काल, चील, चांद बाज, तारा, परेल, नीलम परी, डग्गा, पन्नी पर बने कार्टून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ योगी आदित्य नाथ के फोटो वाली पतंग की डिमांड ज्यादा है।
तीन पीढ़ियों से पतंग का कारोबार कर रहे विशाल पटेल ने बताया कि थोक और रिटेल मार्केट को मिला लें तो इस साल पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा पतंग और मांझा अभी तक बिक चुका है। 2021 में लगभग 2 करोड़ रुपए, 2022 में लगभग 5 करोड़ और 2023 में लगभग पौने 7 करोड़ की पतंग और मांझा बिका था। वहीं इस साल अभी तक 7 करोड़ रुपए का कारोबार हो चुका है। आखिर के 2 से 3 दिनों में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार होने की संभावना है।
इंदौर में पतंग की 250 से ज्यादा दुकानें
इंदौर में रानीपुरा, काछी मोहल्ला, जवाहर मार्ग, तिलक नगर, विजय नगर, पाटनीपुरा, मल्हारगंज, बियाबानी, लोहारपट्टी, बड़वाली चौकी, सिख मोहल्ला, परदेसीपुरा, बंबई बाजार, राऊ चौराहा और तेजाजी नगर सहित अन्य इलाकों में पतंग की 250 से ज्यादा दुकानें हैं। जहां से इंदौर के साथ-साथ आसपास के इलाकों में भी पतंग सप्लाई की जाती है।