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CBI ने महिला अधिकारी आरती वासनिक को किया गिरफ्तार, पूर्व चेयरमैन सोनवानी भी हो चुके हैं अरेस्ट
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 8 दिसम्बर 2024,  05:29 PM IST
सीबीआई ने एग्जाम कंट्रोलर रह चुकी आरती वासनिक को गिरफ्तार किया है। दो दिन पहले ही सीबीआई की टीम ने राजनांदगांव स्थित आरती के घर पर छापेमारी की थी

सीबीआई ने एग्जाम कंट्रोलर रह चुकी आरती वासनिक को गिरफ्तार किया है। दो दिन पहले ही सीबीआई की टीम ने राजनांदगांव स्थित आरती के घर पर छापेमारी की थी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में CGPSC मामले की जांच सीबीआई  कर रही है। रविवार को एजेंसी ने एग्जाम कंट्रोलर रह चुकी आरती वासनिक को गिरफ्तार किया है। दो दिन पहले ही सीबीआई की टीम ने राजनांदगांव स्थित आरती के घर पर छापेमारी की थी। अब सीबीआई अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ कर सकती है

विश्वस्त सूत्रों की मानें तो सीबीआई को महिला अधिकारी आरती के खिलाफ कुछ अहम सबूत मिले हैं। इससे पहले, सीबीआई ने CGPSC  के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी और स्टील कारोबारी श्रवण गोयल को गिरफ्तार किया था। फिलहाल दोनों अभी जेल में है। ऐसे में आरती वासनिक पर भी शक है कि, वो घोटाले में शामिल हो सकती है।

CGPSC के पूर्व चेयरमैन और स्टील कारोबारी भी हो चुके हैं गिरफ्तार 

सीबीआई ने पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और स्टील कारोबारी श्रवण गोयल को सोमवार को CBI ने गिरफ्तार किया है। CBI ने कुछ महीने पहले ही सोनवानी के घर पर छापा मारा था। चेयरमैन के पद पर रहने के दौरान सोनवानी पर चयन के एवज में अभ्यर्थियों से लाखों रुपये रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। साथ ही तत्कालीन सचिव जेके ध्रुव और अन्य लोगों के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य रिश्तेदारों और परिचितों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे बड़े पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप लगे हैं।

यह है पूरा मामला 

उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) का काम राज्य में विभिन्न विभागों में भर्तियां कराने का होता है। इसी में से एक भर्ती राज्य सरकार के प्रशासनिक पदों पर बैठने वालों के लिए आयोजित कराई जाती है। इसके तहत DSP, डिस्ट्रिक्ट एक्साइज ऑफिसर, ट्रांसपोर्ट सब-इंस्पेक्टर, एक्साइज सब-इंस्पेक्टर जैसे पदों के लिए भर्ती होती है। CGPSC की ऐसी ही एक भर्ती में घोटाले का आरोप लगा है। परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए गए हैं। 18 अभ्यर्थियों के सलेक्शन पर सवाल खड़े किए गए हैं।

करीबी रिश्तेदारों को नियुक्ति देने का आरोप 

छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित इस घोटाले के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, राजभवन के तत्कालीन सेक्रेटरी अमृत खलको समेत कई अधिकारियों के बेटे-बेटियों और करीबी रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और DSP जैसे पदों पर नियुक्ति देने के आरोप हैं। मामले को लेकर पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।

171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी

CGPSC परीक्षा का नोटिफिकेशन साल 2021 में जारी किया था। भर्ती के लिए कुल पद थे 171 थे। प्री एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया। जिसमें कुल 2 हजार 565 पास हुए थे। इसके बाद आई मेंस एग्जाम की बारी। 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को मेंस परीक्षा कराई गई। जिसमें कुल 509 अभ्यर्थी पास हुए। इनको इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। जिसके बाद 11 मई 2023 को परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ। 170 अभ्यर्थियों का इसमें फाइनल सिलेक्शन हुआ।

बड़े पदों पर अपनों की नियुक्ति के आरोप 

हाई कोर्ट में दायर याचिका में PSC के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के पांच करीबियों की नियुक्ति के बारे में बताया गया है। इनकी लिस्ट सौंपी गई है। अखबारों में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सोनवानी के अपने परिवार, उनके करीबी रिश्तेदारों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे बड़े और ताकतवर पदों के लिए चुना गया है। वहीं छत्तीसगढ़ के कुछ बड़े अधिकारियों के बच्चों को भी आबकारी, श्रम विभाग में ऊंचे ओहदों पर नियुक्त कर दिया गया।


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