नई दिल्ली । भारतीय तटरक्षक बल 1 फरवरी 2021 को अपना 45वां स्थापना दिवस मना रहा है। 1978 में केवल 7 जमीनी प्लेटफार्मों के साथ एक साधारण शुरुआत से आज आईसीजी अपनी सूची में 156 जहाजों और 62 विमानों के साथ एक अजेय सेना बन चुका है और 2025 तक 200 जमीनी प्लेटफार्मों और 80 विमानों के लक्षित बल प्राप्त करने की संभावना है। दुनिया में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में, भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट को सुरक्षित करने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने आदर्श वाक्य “वयम रक्षाम” का अर्थ “हम रक्षा करते हैं”। भारतीय तटरक्षक बल ने 1977 में स्थापना के बाद से 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाने और लगभग 14,000 बदमाशों को पकड़ने का काम किया है। कोविड-19 महामारी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, भारतीय तटरक्षक बल ने लगभग 50 जहाजों और 12 विमानों को दैनिक रूप से तैनात करके, महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में 24×7 सतर्कता बनाए रखी है।
समुद्र में हवाई निगरानी सेवा की मदद से वर्ष 2020 में भारतीय ईईजेड जोन में अवैध रूप से काम कर रहे 80 उपद्रवियों के साथ लगभग 1,500 करोड़ मूल्य की 10 से अधिक विदेशी मछली पकड़ने की नौकाओं को जब्त किया। भारतीय तटरक्षक बल द्वारा 1 साल पहले निवारक और सोची-समझी प्रक्रिया के तहत पिछले साल 11 चक्रवातों के दौरान लगभग 40,000 मछुआरों के साथ 6,000 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सुरक्षित बंदरगाह पर ले जाया गया। इससे बड़े पैमाने पर समुद्री जान-माल का नुकसान से बचाया गया।
प्रधानमंत्री की ‘सागर’ दृष्टि के अनुरूप- सुरक्षा और क्षेत्र में सभी की प्रगति, भारतीय तटरक्षक बल ने श्रीलंका के 333 मीटर लंबे बहुत बड़े क्रूड कार्टर मोटर टैंकर न्यू डायमंड जिसमें तीन लाख मैट्रिक टन कच्चा तेल था जिसमें आग लग गयी थी को बचाने का काम किया जिससे एक बड़ी पारिस्थितिक आपदा टल गई। इसके अलावा, आईसीजी ने मर्चेंट वेसेल वेकेशियो की ग्राउंडिंग के दौरान मॉरीशस को प्रदूषण प्रतिक्रिया सहायता प्रदान की और प्रशिक्षण के अलावा 30 टी प्रदूषण उपकरण प्रदान किए। इसके साथ आईसीजी समुद्री देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने और अपनी अधिकार वाले क्षेत्र में और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सहयोग कर रहा है।
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