राजनीति संरक्षण के चलते एक फुटपाथ व्यवसाई से नहीं वसूल पा रहा किराए की तीन लाख रुपये दुर्ग निगम
तीन महीनों की लीज पर दो साल से काबिज होने के बाद भी किराया वसूल नही कर पा रहा है दुर्ग निगम।
सरकारें बदल गई पर कार्यपालिका का दोहन किया जाना बदस्तूर जारी है।
नवनियुक्त पर दुर्ग आए नगर निगम आयुक्त लगातार अन्य निगम में किए कार्यो की उपलब्धियों को गिनाने का अवसर नही गवाते पर दुर्ग नगर निगम के एक फुटपाथ व्यवसायी से बकाया राशि वसूल करने में पसीना बहा रहे है।
20 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस की शहरी सरकार को कुछ पार्षद और पूर्वर्ती शहरी सरकार के राजनीति संरक्षण प्राप्त लोग कर रहे हैं बदनाम ।
दुर्ग(अमूल भारत.इन) दुर्ग नगर निगम के द्वारा निगम क्षेत्र में रिक्त खाली पड़ी जमीनों को लीज पर 3 से 6 महीनों के लिए किराए पर दिया जाता है । जिस पर अस्थाई लीजधारक अस्थाई दुकान बनाकर सेल, जूते, कपड़े,सीजनेबल व्यवसाय करते हैं।
अभी हाल में ही एक मामला प्रकाश में आया की दुर्ग नगर निगम राजेंद्र पार्क के बाजू में रिक्त पड़ी जमीन को एक कपड़ा व्यवसाई जिसका नाम इमरान बताया जा रहा है जिसे व्यवसाय के लिए लीज पर दिया गया है। जिसका किराया हर तीन महीने में जमा करना था । लेकिन नगर निगम दुर्ग की लापरवाही देखिए तीन लाख रुपये (₹300000) से अधिक बकाया होने के बावजूद भी किराया जमा नहीं कराया ।
राजनीति दबाव बना मुख्य कारण
निगम के हमारे सूत्रों ने बताया कि जैसे ही नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी किराया लेने पहुचते है वैसे ही एक जनप्रतिनिधि फोन कर दबाव बना समय देने और उच्चव अधिकारी से बात होना बताकर कार्यवाही रुकवा देते हैं।
शनिवार को बाजार में भी राजनीतिक दबाव
दुर्ग के शनिवार को लगने वाले शनिचरी बाजार में सड़क पर लगने वाले बाजार पर कार्यवाही नहीं कर पा रहे है निगम के कर्मचारी जिसके कारण शाम के समय पूरा सड़क पर जाम लग जाता है ।
दुर्ग निगमायुक्त पर निगाहें टिकी है बाजार विभाग का।
दुर्ग नगर निगम के बाजार विभाग के अधिकारी अब निगमायुक्त के आदेश का इंतजार कर रहे है कि वह कब आदेश जारी करेगें तब आगे की कार्यवाही की जाए। नवनियुक्त पर दुर्ग आए नगर निगम आयुक्त लगातार अन्य निगम में किए कार्यो की उपलब्धियों को गिनाने का अवसर नही गवाते पर दुर्ग नगर निगम के एक फुटपाथ व्यवसायी से बकाया राशि वसूल करने में पसीना बहा रहे है।