महिला माताओं ने रखी कमरछट व्रत , मंदिर पहुंच किया पूजा पाठ अपने अपने संतानों की लंबी आयु , श्रेष्ठता व उज्जवल भविष्य ,आरोग्य की कामना की
,_ आज शनिवार को भाद्र कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल षष्ठी व्रत के अवसर पर ग्रामीण अंचल की महिलाओं ने भी हल षष्ठी व्रत किया और अपने अपने संतानों की लंबी आयु और आरोग्य , वैभाव , उज्ज्वल भविष्य होने की कामना मंदिरों में पूजा अर्चना कर किए । रानीतराई सहित डिडगा , असोगा, औसार, चुलगहन , कौही , बोरेंदा ,करेला , भरर ,बीजाभाठ , निपानी सहित सभी ग्रामों में आज महिलाए सुबह से ही सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर साफ कपड़े पहन पूरे श्रृंगार के साथ तालाब पार या मंदिर प्रांगण पहुंच पूजा पाठ किए पूजा में सतनाजा (यानी सात तरह के अनाज जिसमे गेंहू, जौ, अरहर ,मूंग, मक्का , चना धान) चढ़ा कर भैंस के दूध से बने मक्खन से हवन कर पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर हरछठ की कथा भी सुने और अपने अपने घर पहुंच बिना हल से उत्पन्न चावल से बना छः प्रकार के भाजी के साथ अपने व्रत का पूर्ण किए ।
रानीतराई पूर्व सरपंच करुणाराज साहू , श्रीमती शिवकुमारी साहू, श्रीमती भुनेश्वरी साहू , श्रीमती मंजूलता अंगारे , श्रीमती विन्व साहू करेला ने बताया की इस व्रत में हम सभी महिलाएं अपने संतानों की लंबी आयु के कामना रखते है ,
पूर्व सरपंच डिडगा श्रीमती प्रेमलता चंद्राकार ,श्रीमती गायत्री यादव, श्रीमती सावित्री टंडन ने बताया की आज बिना हल चले अनाज से अपना व्रत तोड़ते है हल षष्ठी का कथा सुनते सुनाते है ।
श्री मति मनोरमा टिकरिहा सरपंच कौही , पूर्व सरपंच बोरेंदा श्रीमती सुनीता यादव , शशिप्रभा टिकरिहा ने बताया की हम सभी महिलाएं आपने संतानों की आरोग्य और लम्बी आयु की कामना हल षष्ठी से करते है ।
इस व्रत के लिए महिलाओ ने काफी उत्साह रहा पूरे उल्लास व उमंग के साथ मनाया गया ।