दुर्ग (छत्तीसगढ़)। एमजीएम स्कूल में मासूमों के साथ अश्लील हरकत किए जाने के बहुचर्चित मामले में अदालत द्वारा आज बड़ा फैसला सुनाया गया है। अदालत ने मामले के मुख्य आरोपी को पूरे प्राकृत जीवन तक जेल में रखने की सजा सुनाई है। वही घटना का जानकारी होने के बावजूद बच्चियों के हित में उचित कार्रवाई नहीं किए जाने के आरोप में स्कूल प्रिंसपल, प्रबंधक व दो शिक्षिकाओं को भी दोषी करार दिया गया है। आरोपियों को तीन अलग अलग मामलों में सजा सुनाई गई है। वहीं पीड़ित बच्चियों को 4 लाख रुपए प्रतिकर राशि प्रदान किए जाने का निर्देश अदालत ने दिया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक मो. अरशद खान ने पैरवी की थी।
एमजीएम स्कूल में मासूम बच्चियों के साथ गंदी हरकत किए जाने का मामला वर्ष 2016 में सामने आया था। स्कूल में कार्यरत स्वीपर एस. सुनील द्वारा बच्चियों के साथ बाथरूम में अश्लील हरकत के साथ उनके संवेदनशील अंगों में उंगली से छेड़छाड़ की जा रही थी। स्वीपर द्वारा लगातार की जा रही इस हरकत से परेशान बच्चियों ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी थी, जिस पर परिजनों ने स्कूल प्रबंधन सहित प्रिंसपल को इस घटना की जानकारी दी थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने किसी प्रकार की कार्रवाई करने की बजाए शिकायतकर्ता पालकों को ही धमकाना प्रारंभ कर दिया था। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन प्रारंभ कर दिया था। मामला बिगड़ते देख भिलाई नगर पुलिस ने पालको की शिकायत के आधार पर स्वीपर एस. सुनील (28 वर्ष), प्रिंसपल डेनियल वर्गिस (60 वर्ष), फरवरी 2016 को प्रबंधन के साजन थामस (49 वर्ष) तथा प्रधान पाठिका प्रतिभा होलकर (54 वर्ष), क्लास टीचर सुंदरी नायक (30 वर्ष) के खिलाफ चार अलग अलग मामलों में पाक्सों एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट टे्रक कोर्ट की विशेष न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी की अदालत में किया गया।
इन चार प्रकरणों में से तीन प्रकरणों में आज फैसला सुनाया गया है। विचारण के दौरान पीडि़त बच्चियों ने मामले मुख्य आरोपी एस. सुनील कुमार को गंदे अंकल के रुप में संबोधित किया था। तीनों फैसलों में न्यायाधीश ने स्वीपर एस. सुनील को दफा 376 (2)(च) के तहत पूरे प्राकृत जीवन तक के कारावास तथा 5000 रुपए अर्थदंड़ की सजा से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। वहीं स्कूल प्रिंसपल डेनियल वर्गिस को दफा 202 तथा पाक्सों एक्ट की धारा 21(1) के तहत एक वर्ष कारावास व 20 हजार रुपए अर्थदंड़ तथा साजन थामस, प्रतिभा होलकर, सुंदरी नायक को 6-6 माह के कारावास व 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडि़त किया गया है। जबकि एक मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है।
अदालत ने जाहिर की चिंता
इस मामले में फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश ने गंभीर टिप्पणी की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि एमजीएम स्कूल जैसे प्रतिष्ठित विद्यालय में इस प्रकार का जघन्य अपराध कारित होने की इस घटना ने संपूर्ण मानवीयता को शर्मसार किया है। विद्यालय जैसी पवित्र संस्था को लेकर सामान्य जन के मन में एक अविश्वास उत्पन्न कर दिया है। उन्होंने कलेक्टर को निर्देशित किया है कि प्रशासन द्वारा समय रहते उचित व आवश्यक कदम उटाए जाए, जिससे स्कूल की कार्यप्रणाली में बच्चों की सुरक्षा की व्यापक जिम्मेदारी सुनिश्चितक हो सके तता भविष्य में इस प्रकार की घटना की के जधन्य अपराध होने से रोका जा सके।
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