पंजाब पुलिस ने राज्य में पिछले 40 दिन के अंदर चौथे टेरर मॉड्यूल मॉड्यूल को बेनकाब किया है, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के समर्थन से चल रहा था। मामला पिछले महीने अमृतसर और जालंधर के टिफिन बम और RDX बरामदगी से जुड़ा है। अमृतसर में 8 अगस्त को तेल के एक टैंकर में हुए ब्लास्ट के पीछे इन्हीं का हाथ था। उसे IED वाला टिफिन बम लगाकर ब्लास्ट किया था।
इस राज से पर्दा उठाते हुए पुलिस ने 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। बुधवार को DGP दिनकर गुप्ता ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए यह जानकारी सांझा की है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए हैं।
अंबाला, अमृतसर और जालंधर से पकड़े गए आतंकी
गिरफ्तार आतंकियों की पहचान रूबल सिंह, विकी भट्टी, मलकीत सिंह और गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई है। राहुल को मंगलवार को अंबाला से गिरफ्तार किया गया था, जबकि बाकी तीन को उसकी निशानदेही पर अमृतसर के अजनाला में उनके गांवों से गिरफ्तार किया गया है। वहीं इनका पांचवां साथी गुरमुख सिंह बराड़ को कपूरथला पुलिस ने 20 अगस्त को जालंधर से गिरफ्तार किया था।
सिख यूथ फेडरेशन के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे और कासिम का हाथ
बुधवार को मीडिया से मुखातिब DGP दिनकर गुप्ता ने बताया कि इस आतंकी मॉड्यूल के पीछे पाकिस्तान में बैठे प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे और कासिम का हाथ है। कासिम पाकिस्तान का खुफिया अधिकारी है, जबकि लखबीर सिंह रोडे उर्फ बाबा मोगा जिले के गांव रोडे का रहने वाला है और वर्तमान में पाकिस्तान में छिपकर बैठा है।
पिछले दिनों जालंधर से गिरफ्तार गुरमुख सिंह रोडे उसका भतीजा है। लखबीर सिंह रोडे का भाई जसबीर सिंह रोडे अकाल तख्त का पूर्व जत्थेदार है। लखबीर सिंह रोडे ने तेल के टैंकर में ब्लास्ट के लिए 2 लाख रुपए भेजने का वादा किया था।