भोपाल। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में किसी न किसी ने अपने को खोया है। कहीं दवाइयों के लिए या फिर आक्सीजन का जुगाड़ करने लोगों के पास पैसे न होने के बावजूद कर्ज लेकर अपनों को बचाने का हरसंभव प्रयास किया। इसके बावजूद जिनके घरों में स्वजनों की मौत हुई उसकी कमी को पूरा तो नहीं किया जा सकता, लेकिन सरकार ने एक छोटा सा प्रयास जरूर किया जो कि लोगों का सहारा साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विशेष अनुग्रह योजना की घोषणा की। यह योजना 21 जून से प्रदेश में लागू की गई है। जिन्होंने इस योजना का लाभ लिया उनमें से अधिकांश लोगों ने बताया कि जितने रुपये उन्हें मिले, वह तो कर्ज चुकाने में चले गए। इसमें से कुछ को अनुकंपा नियुक्ति भी मिली, तब जाकर उनके घर को सहारा मिला। अब तक इस योजना के तहत राजधानी में कलेक्टर के लॉगइन पर प्राप्त आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने 33 लोगों को सहायता राशि उनके खाते में जमा करवा दी है। कुल 35 आवेदन कलेक्टर के लॉगइन पर प्राप्त हुए थे। सबसे ज्यादा अनुकंपा नियुक्ति स्कूल शिक्षा विभाग में दी गई है। वहीं महिला एवं बाल विकास सहित अन्य विभाग में भी आवेदन आए थे। अपर कलेक्टर उमराव सिंह मरावी ने बताया कि आवेदनों पर कार्रवाई करते हुए सभी के खाते में राशि डलवा दी गई है।
यह है विशेष अनुग्रह योजना
इस योजना के तहत मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक कोरोना संक्रमण के कारण जिन सेवारत कर्मियों की मृत्यु हुई, उनके स्वजन को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी है। इसके लिए चिकित्सकीय प्रयोगशाला की विधिमान्य रिपोर्ट, मृत्यु की तारीख तक शासन ने किस ड्यूटी में उन्हें लगाया था, इसका प्रमाण होना जरूरी है। परिवार में एक से अधिक सेवायुक्तों के योजनांतर्गत पात्र होने की स्थिति में प्रत्येक सदस्य के निधन पर निर्धारित गणना अनुसार अलग-अलग राशि दी जा रही है। वित्त विभाग ने योजना के क्रियान्वयन को लेकर सभी विभाग, संभागायुक्त और कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि सिर्फ एमपी सर्विस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन मान्य किए जाएं। कार्यालय आवेदनों के निराकरण और प्रगति की स्थिति भी पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए। योजना में मृतक कर्मचारी के स्वजन को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
मेरे पिता देवी प्रसाद पीडब्ल्यूडी में पदस्थ थे। कोरोना के समय उनकी ड्यूटी लगी थी। इस दौरान वे कोविड पॉजिटिव हुए और अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद हमने एक जुलाई को मुख्यमंत्री विशेष अनुग्रह योजना के तहत आवेदन किया था। सितंबर माह में हमें साढ़े तीन लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। इतना तो कोविड का उपचार करवाने के लिए कर्जा हो गया था, जो अब पूरा हो जाएगा।
-अनिल प्रसाद, निवासी खजूरी सड़क भोपाल
मेरे पिता भगवान सिंह मीणा स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थ थे। कोरोना संक्रमण के दौरान ड्यूटी करते वक्त वे कोरोना संक्रमित हो गए थे। एक अगस्त को योजना की जानकारी लगने पर आवेदन किया। जिसकी राशि साढ़े चार लाख रुपये हमें प्राप्त हो गई है। यह पूरी राशि कर्जा चुकाने में चली गई, लेकिन पिता की जगह जो अनुकंपा नियुक्ति हमें मिली, उससे हमारे घर का खर्च चल रहा है।
श्याम मीणा, निवासी कुकरिया तहसील, जिला भोपाल