इस साल शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 7 अक्टूबर से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक है। सर्वपितृ अमावस्या को पितृ पक्ष समाप्त होगा। उसके अगले दिन अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि शुरू होगी। नौ दिनों तक माता शक्ति की आराधना के साथ उत्सव मनाया जाएगा। लेकिन इस साल गुरुवार को शुरू हो रही नवरात्रि में अशुभ संयोग बन रहे हैं। ये संकेत दुर्घटना के माने जाते हैं। आइए जानते हैं क्या शुभ नहीं है।
शारदीय नवरात्रि को लेकर इस वर्ष की स्थितियां शुभ नहीं है। इसके मुख्य दो कारण है। पहला कि नवरात्रि गुरुवार से आरंभ हो रही है। जब नवरात्रि गुरुवार से शुरू होती है। तब इसका मतलब है कि माता जी डोली में सवार होकर आएगी। मां दुर्गा की डोली की सवारी शुभ नहीं मानी जाती। यह हिंसा, नुकसान और आपदा आने का संकेत देती है।
दिन कम होना भी शुभ नहीं
नवरात्रि को लेकर दूसरा अशुभ कारण दिनों का घटना है। नवरात्रि 9 दिनों की होती है, लेकिन इस वर्ष हिंदू पंचांग के मुताबिक पर्व आठ दिनों का है। शास्त्रों में नवरात्कि के दिनों का घटना अशुभ माना गया है।
नवरात्रि 2021 किस दिन कौन-सी माता की पूजा
7 अक्टूबर (पहला दिन)- मां शैलपुत्री की पूजा
8 अक्टूबर (दूसरा दिन)- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
9 अक्टूबर (तीसरा दिन)- मां चंद्रघंटा व मां कुष्मांडा की पूजा
10 अक्टूबर (चौथा दिन)- मां स्कंदमाता की पूजा
11 अक्टूबर (पांचवां दिन)- मां कात्यायनी की पूजा
12 अक्टूबर (छठवां दिन)- मां कालरात्रि की पूजा
13 अक्टूबर (सातवां दिन)- मां महागौरी की पूजा
14 अक्टूबर (आठवां दिन)- मां सिद्धिदात्री की पूजा
15 अक्टूबर- दशमी तिथि ( व्रत पारण), दशहरा
नवरात्रि में इन बातों का रखें ध्यान
नवरात्रि में लहसुन, प्याज, नॉनवेज और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। अखंड ज्योत और घट स्थापना वाले स्थान को खाली नहीं छोड़ना चाहिए। काले वस्त्र नहीं पहनें। बाल और नाखून नहीं काटें।
