छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए ‘छत्तीसगढ़िया ओलंपिक’ का आयोजन करा रही है. लेकिन बलरामपुर के टांगरमहारी में सरकार के मंसूबे पर पानी फिरता हुआ दिख रहा है.
अतिक्रमणकारियों ने मिनी स्टेडियम के लिए आवंटित भूमि को खेत के रूप में तब्दील कर दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि खेल मैदान के समतलीकरण का कार्य अधूरा छोड़कर सरकारी राशि की बंदरबाट की गई है.
मामला प्रकाश में आने के बाद मिनी स्टेडियम की जमीन को दबंगों के चंगुल से छुड़ाने की बात स्थानीय प्रशासन ने कही है. वर्ष 2017-18 में बलरामपुर ब्लॉक के ग्राम टांगरमहारी में साढ़े चार एकड़ भूमि जिला प्रशासन ने मिनी स्टेडियम के लिए आवंटित की थी.
रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2020-21 में 10 लाख की स्वीकृति भूमि समतलीकरण, फेंसिंग पोल लगाने के लिए दी गई. आरोप है कि ग्राम पंचायत ने समतलीकरण का कार्य अधर में छोड़कर शासकीय पैसे का बंदरबाट कर लिया.
दूसरी तरफ मिनी स्टेडियम की जमीन पर गांव के दबंगों ने इसी साल कब्जा कर खेती करना भी शुरू कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि खेल मैदान में अतिक्रमण की शिकायत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से की गई लेकिन तमाम शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया.
अब हालात ये है कि जहां कभी खेल मैदान हुआ करता था वहां अब धान की फसल लहलहा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि खेल मैदान में 6 गांवों के बच्चे खेलने आया करते थे. अब खेल मैदान खेत में बदलने से बच्चों को खेलने की जगह नदारद है. सवाल के जवाब से जिम्मेदार अधिकारी भी बचते-बचाते नजर आ रहे हैं.
अतिक्रमण का खुलासा होने के बाद एसडीएम ने खेल मैदान से कब्जा हटाने की बात कही है. एसडीएम भरत कौशिक ने माना कि खेल के मैदान में अतिक्रमण कर लिया गया है. मौके पर जाने से पता चला कि खेल मैदान का कुछ हिस्सा खाली है और कुछ पर अतिक्रमण है.
सरपंच के माध्यम से एक ज्ञापन भी आया है. उन्होंने ग्रामसभा से अतिक्रमण हटाने को कहा है. एसडीएम ने आगे बताया कि तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देशित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि खेल मैदान को बराबर कर पंचायत को सौंप दिया गया था.
जांच के बाद ही लापरवाही का खुलासा हो पाएगा. उन्होंने लापरवाही पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. खेल के मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा. खेल मैदान में लगी फसल को भी जब्त कर राजसात करेंगे.