हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक सशक्त नेता के रूप में देश में उभरे हैं। भूपेश पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल रहे दिवंगत मोतीलाल वोरा के बाद प्रदेश के पहले ऐसे कांग्रेस लीडर बन गए हैं, जिन्हें एआईसीसी में लगभग सभी शीर्ष नेतृत्व पसंद कर रहा है। भूपेश बघेल की स्पष्टवादिता उन्हें देश में एक स्थापित नेता के रूप में पहचान दिला रही है। भूपेश इस समय कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ही नहीं विरोध खेमे में भी पसंद किए जा रहे हैं। पिछले दिनों हुए घटनाक्रम से कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है। उन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और परिवहन मंत्री नितिन गड़करी भी पसंद कर रहे हैं। इसके चलते छत्तीसगढ़ के बीजेपी नेताओं की वे आंखों की किरकिरी बने हुए हैं।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद 5 उपचुनाव हो चुके हैं। इन सभी में कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत हासिल हुई है। इसके साथ ही इस समय प्रदेश में कांग्रेस के 71 विधायक हैं। बीजेपी के 14, जेसीसी के 3 और बीएसपी के 2 विधायक हैं। चित्रकूट, दंतेवाड़ा, मरवाही, खैरागढ़ और अब भानुप्रतापपुर के उपचुनाव में कांग्रेस की जीत ने एक बार फिर भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। इधर भूपेश का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। उनका राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक कद बढ़ रहा है। आगामी दिनों में उन्हें कांग्रेस में एक और बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। राजनीतिक विशलेषकों की मानें तो आगामी लोकसभा चुनाव में भूपेश एक बड़ी भूमिका में नजर आएंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस बात को कह चुके हैं। वर्तमान में भूपेश को हिमाचल प्रदेश में सभी जीते हुए विधायकों से बात कर किसी एक नाम पर सहमति बनाने कहा गया है। ताकि हिमाचल में एक अच्छा नेतृत्व मिल सके। ताकि पांच सालों तक स्थिर और मजबूत सरकार का गठन हो सके। इसके बाद से भूपेश शिमला में ही जमे हुए हैं। वे लगातार विधायकों से बात भी कर रहे हैं। इधर छत्तीगढ़ में 15 साल सत्ता से बाहर रहने के दौरान भूपेश पीसीसी चीफ भी रहे। उनके नेतृत्व में ही पुराने सारे रिकॉर्ड टूट गए। 90 में से 67 सीट जीत कर सरकार बनाई और पिछले 4 साल में 5 उपचुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त दी। इसके अलावा पहली बार छत्तीसगढ़ के सभी 14 नगर निगमों में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज किया। ये सारे रिकॉर्ड सीएम भूपेश बघेल को पार्टी में टॉप तक लेकर जा रही है। वर्तमान में पूरे प्रदेश में भूपेश का व्यापक जनाधार है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के बीच उनकी गहरी पैंठ है। वे एक-एक कार्यकर्ता को नाम से जानते हैं। इस वजह से लगातार कांग्रेस का ग्राफ लगातार छत्तीसगढ़ में बढ़ा है। आगामी विधानसभा में कांग्रेस को इसका फायदा मिलता भी नजर आ रहा है। इधर बीजेपी के नेता उनकी छत्तीसगढ़िया छवि व ठेठपन को लेकर चिंतित है। उनका तोड़ निकालने की जुगत में वे लगातार मंथन कर रहे हैं।