एक तरफ भारत चीन को अपना दुश्मन मानता है दूसरी तरफ एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि भारत चीन पर काफी हद तक निर्भर है. आइये जानते हैं दोनों देशों के बीच कितना आयात और निर्यात होता है.
साल 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेनाओं के साथ भारतीय सेना की झड़प के बाद 9 दिसंबर को एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर की यांग्त्से सीमा चौकी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच गंभीर टकराव हुआ. भारतीय सेना का कहना है कि इस झड़प में दोनों देशों के कुछ सैनिक घायल हुए, लेकिन ज्यादा चीनी सैनिक घायल हुए हैं.
इस झड़प के बाद भारत में एक बार फिर से चीन से व्यापार बंद करने की आवाज उठने लगी. सिर्फ सीमा ही नहीं, व्यापार के मोर्चे पर भी चीन भारत के लिए बड़ी चुनौती है. भारत के लिए चीन से आयात को पूरी तरह बंद करना मुमकिन नहीं है.
एक तरफ भारत चीन को अपना दुश्मन मानता है दूसरी तरफ एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि भारत चीन पर काफ़ी हद तक निर्भर है. हालांकि भारत पिछले कुछ सालों में चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है.
दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात कितना होता है
चीन के कस्टम विभाग की तरफ से साझा की गई जानकारी के अनुसार साल 2022 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च में भारत और चीन के बीच व्यापार में सालाना आधार पर 15.3 प्रतिशत की बढ़त हुई है. दोनों देशों के बीच मार्च तिमाही में द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 32 बिलियन डॉलर का हो गया है.
वहीं चाइना जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ कस्टम (GAC) ने के डेटा के अनुसार साल 2021 में भारत का चीन के साथ व्यापार 125.6 अरब डॉलर पहुंच गया. पहली बार ऐसा हुआ जब भारत के साथ चीन का व्यापार 100 अरब डॉलर से ऊपर पहुंचा है. इस आंकड़े में भारत ने महज 28.1 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि 94.57 अरब डॉलर का आयात किया. दोनों देशों के बीच जिस रफ्तार से व्यापार बढ़ रहा है उसे देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता है कि दोनों मुल्कों के बीच सब कुछ सामान्य हो गया है.
पिछले आठ सालों का डेटा देखें तो मालूम पड़ता है कि भारत का चीन से व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है.
भारत चीन से क्या-क्या खरीदता है?
कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने राज्यसभा में कहा कि भारत चीन से मुख्य तौर से इलेक्ट्रॉनिक आइटम, टीवी कैमरा, ऑटो एक्सेसरीज, केमिकल, कॉपर, कॉटन यार्न, जूता चप्पल, स्टील, सर्किट, सेमीकंडक्टर, फर्टिलाइजर जैसे सामानों का आयात जमकर करता है. भारतीय मोबाइल मार्केट में करीब 55 से 56 फीसदी का कब्जा चीन का ही है.
यहां तक की दिल्ली मेट्रो में एसयूजीसी (शंघाई अर्बन ग्रुप कॉर्पोरेशन) नाम की चीनी कंपनी काम कर रही है. इसके अलावा भारत की फार्मा इंडस्ट्री में इस्तेमाल किए जाने वाले लगभग 60 से 70 प्रतिशत केमिकल चीन से से खरीदता है.
भारत चीन को क्या-क्या बेचता है
हमारा देश चीन को कई रॉ मैटेरियल, कॉटन, तांबा, एल्यूमीनियम, और नेचुरल हीरे और रत्नों का निर्यात करता है. इसके अलावा भारत से चीन को मछलियां, मसाले जैसे खाद्य वस्तुओं से लेकर लौह अयस्क, ग्रेनाइट स्टोन और पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात होता है.
किन चीजों के आयात में हुई बढ़ोतरी
भारत के वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल यानी 2021 में चीन से लैपटॉप और कंप्यूटर, ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर के अलावा एसिटिक एसिड का आयात रिकॉर्ड बढ़ा है. वहीं भारत चीन को चावल, सोयाबीन, सब्जियां फल, कॉटन और सी फ़ूड चीजें बेचता है.
