अंबिकापुर । छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के बघियाचुआं के जंगल में एक हाथी दो दिनों से डेरा जमाए हुए हैं। बुधवार को देर शाम जब एक वन विभाग का श्रमिक इस हाथी को दवा देने पहुंचा तो हाथी ने श्रमिक को पटककर मार डाला।वहीं मौके पर मौजूद वन विभाग के अन्य कर्मी और पशु चिकित्सा विभाग के कर्मी जान बचाकर भाग गए। मारे गए श्रमिक का शव देर रात मौके से बरामद किया गया। जानकारी के अनुसार, जंगली हाथी पिछले दो दिनों से नगर से लगे बधियाचुआं के जंगल में विचरण कर रहा है। उसे लगातार दस्त होने की शिकायत को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने पशु चिकित्सक से संपर्क किया।जिसके बाद टीम हाथी को दवाई देने जंगल पहुंची थी। डॉक्टर ने हाथी को दवा पिलाने के लिए दी थी। दवाई को पानी में घोलकर हाथी को पिलाया जाना था। इसके लिए बुधवार शाम करीब 6।30 बजे अंबिकापुर बीट के वन पाल अशोक पांडेय के साथ आधा दर्जन वनकर्मी और श्रमिकों के साथ पशु चिकित्सा विभाग के कर्मी हाथी को दवा पिलाने पहुंचे थे।दल ने हाथी को पिलाने के लिए इकठ्ठा किए गए पानी में दवा मिलाई, इस दौरान हाथी जंगल से निकलकर दल की तरफ आते देख कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। शोर सुनकर सभी लोग अलग-अलग दिशा में भागने लगे। इस दौरान वन विभाग का सुरक्षा श्रमिक भीम हड़बड़ी में हाथी की ओर ही भागा।हाथी ने कर्मचारी को सूंढ़ से उठाकर नीचे पटकाअमले के साथ मौके पर मौजूद वन पाल अशोक पांडेय ने बताया कि सुरक्षा श्रमिक भीम हाथी के पास पहुंच गया। वह वन विभाग की फेंसिंग जाली से टकराकर गिर गया तो हाथी ने उसे सूंढ़ से उठाकर नीचे पटक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। जिसके बाद देर रात उसके शव को बरामद कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। वहीं वन विभाग के कर्मचारियों ने लोगों से सर्तकता बरतने को कहा है। बता दें कि एक सप्ताह में इस हाथी ने 2 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है।
