दुर्ग / राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला दुर्ग मे फाईलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आज जिला मलेरिया विभाग द्वारा विश्व लिम्फेडेमा दिवस 2023 कार्यक्रम मनाया गया। जिसमे लिम्फेडेमा के लक्षण कारण एवं रोकथाम व बचाव की जानकारी दी गई। लिम्फेडेगा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। जिसमें मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी के उपयोग, गंदे नालियो की लगातार सफाई, उनके स्त्रोत व लार्वा नियंत्रण के लिए कार्यकर्ताओं में उनके टीम को निर्देशित किया गया। लिम्फेडेमा मुख्य रूप से फाईलेरिया बीमारी का एक प्रकार है। दुर्ग जिले को लिम्फेडेगा मुक्त करने का संकल्प है। जिसके तहत मलेरिया विभाग दुर्ग की ओर से विगत वर्षाे से ही लिम्फेडेमा नियंत्रण के लिए लगातार कार्य किये जा रहे है। जिससे जिले मे कुछ वर्षों से लिम्फेडेमा के सकारात्मक प्रकरणों में कमी दर्ज की जा रही है। विभाग की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा पुराने लिम्फेडेेमा के मरीजों को घरेलू रोग प्रबंधन हेतु टब, मग, टॉवेल, साबुन, बेटाडीन मल्हम (लिम्फेडेमा घरेलू रोग प्रबंधन कीट) आदि साम्रगी वितरित किया गया व मरीजो को घरेलू रोग प्रबंधन की विधि के प्रदर्शन कर जिला मलेरिया अधिकारी, दुर्ग के द्वारा बताया गया।
कार्यकम में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम, सिविल सर्जन सह-अधीक्षक डॉ. वाई. के. शर्मा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सतीश मेश्राम, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सी.बी.एस. बँजारे जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री पद्माकर शिंदे, जीवनदाप समिति के सदस्य दिलीप ठाकुर एवं प्रकाश डोनगॉवकर मलेरिया निरीक्षक जी. मोहन रॉव, विवेक कापरे, समरेश पटेरिया प्रभारी मलेरिया निरीक्षक कमल नारायण तिवारी, नितिन भुसारी, आर के वर्मा, आर के मर्सकुले, आर.के.बरगटे, तकनीकी पर्यवेक्षक लक्की दुबे, गिरिश बंजारे एवं कार्यरत विभाग के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
