बिलासपुर/ माघ माह शुक्ल पक्ष की पंचमी पर बुधवार को वसंत पंचमी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन से ही वसंत ऋतु का आगमन हो जाएगा। इसके साथ ही इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। यह दिन विद्यार्थी और कला, साहित्य, संगीत आदि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बेहद खास है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पीले रंग का भी विशेष महत्व बताया गया है। वसंत पंचमी का दिन विद्या आरंभ या किसी भी शुभ कार्य के लिए बेहद उत्तम माना जाता है।
पर्व मनाने की शुरुआत शहर के मंदिरों में हो गई है। सोमवार को विनोबा नगर गायत्री मंदिर में अखंड जाप हुआ। भक्तों ने सुबह से लेकर शाम तक अखंड जाप किया। वहीं मंगलवार को दोपहर 12 बजे कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा शहर भ्रमण करेगी। 14 फरवरी को 9 कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा। साथ ही विविध संस्कार भी कराए जाएंगे। मां सरस्वती का विशेष पूजन होगा। कई अन्य मंदिरों में वसंत पंचमी के उपलक्ष्य में सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार होंगे। व्यंकटेश मंदिर, गायत्री मंदिर, घोंघा बाबा मंदिर, मलयाली समाज के अय्यप्पा मंदिरों, कालीबाड़ी तथा अनेक देवालयों में 5 साल तक के बच्चों का विद्यारंभ संस्कार कराया जाएगा। रतनपुर स्थित भैरव बाबा मंदिर में सामूहिक विवाह होगा। वहीं जनेऊ संस्कार भी कराया जाएगा।
व्यंकटेश मंदिर के महंत डॉ. कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य ने बताया कि वसंत पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7.08 बजे से लेकर दोपहर 12.10 बजे तक रहेगा। यह उदया तिथि में मनाया जाएगा। वसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त 5 घंटे 2 मिनट तक है। वैसे अबूझ मुहूर्त होने से संपूर्ण दिन ही पूजा व शुभ कार्य किए जा सकते हैं। हालांकि पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 2.42 बजे से हो जाएगा। यह 14 फरवरी को दोपहर 12.10 बजे तक रहेगा। सरस्वती मां को सत्त्वगुणसम्पना माना गया है।
मकर राशि में मंगल, बुध व शुक्र का त्रिग्रही योग रहेगा। इसके साथ कुंभ राशि में सूर्य व शनि का िद्वग्रही योग रहेगा। इस दिन 9 रेखीय सावा है। मंगल अपनी उच्च राशि में होने से विद्या और भूमि-भवन के कार्यो सहित व्यापार प्रारंभ के लिए यह दिन उपयुक्त है। इस खास दिन अबूझ मुहूर्त में विद्यारंभ, गृह प्रवेश, विवाह और नई वस्तु की खरीदारी के लिए अच्छा है।