कुछ शिक्षक लंबे समय से बिना सूचना स्कूल से नदारद हैं। इनमें कोई 3 साल तो कोई 10-11 साल से स्कूल नहीं आ रहा। कलेक्टर अवनीश शरण ने ऐसे शिक्षकों को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी करने के निर्देश डीईओ को दिए हैं। कलेक्टर ने डीईओ से ऐसे सभी शिक्षकों की लिस्ट मांगी थी। इस लिस्ट से पता चला कि ऐसे 20 शिक्षक हैं, जो लंबे समय से स्कूल से नदारद हैं। सोमवार को टीएल की मीटिंग में कलेक्टर ने ऐसे शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
खास बात यह कि लंबे समय से लापता शिक्षकों की जानकारी शिक्षा विभाग के पास भी नहीं थी। जब कलेक्टर ने पूछताछ की, तब डीईओ ने चारों ब्लॉक के बीईओ से यह जानकारी तलब की। इसी से पता चला कि जिले के तकरीबन 20 शिक्षक ऐसे हैं, जो बिना किसी सूचना या अनुमति के ड्यूटी से गायब हैं। इनमें 10 से 11 साल से नदारद शिक्षकों को कलेक्टर ने सेवा समाप्ति का अंतिम नोटिस जारी करने के लिए कहा है। वहीं इससे कम वर्ष से अनुपस्थित शिक्षकों पर भी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
बिल्लीबंद (कोटा) के शिक्षक बत्तीलाल मीना 11 वर्ष से नदारद, मनोरमा तिवारी रिसदा 10 साल से, प्रेमलता पाण्डेय नवागांव 9 साल से, राकेश उरांव दर्रीघाट 8 साल से, अल्का महतो फरहदा 7 साल से, नलिनी अग्रवाल दर्रीघाट 6 साल से, दिव्यनारायण रात्रे 6 साल से, स्टेनली मार्क एक्का तिफरा, 5 साल से, बसंत कुमार लकड़ा ओखर 5 साल से, शारदा सिंह, मोढ़े 5 साल से, यशवंत कुमार साहू डण्डासागर 3 साल से, मेघा यादव परसापानी 3 साल से, हरीराम पटेल भटचैरा 3 साल से, शिवकुमार बछालीखुर्द 2 साल से, अमन मिरी 22 महीने से, श्याम सुंदर तिवारी सीपत 18 माह से, राकेश मिश्रा बेलसरा 18 माह से, मदनलाल श्यामले 17 माह से, रामबिहारी ताम्रकार मस्तूरी 15 माह से और शशिकांत यादव सीस 11 महीने से स्कूल नहीं आ रहे हैं। लगातार तीन साल से अधिक अवधि से शासकीय सेवा से बाहर रहने वालों की सेवा समाप्ति के निर्देश दिए गए हैं।