दुर्ग/ खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए दुर्ग, धमधा, पाटन एवं भिलाई-3 चरोदा के सभी अनुविभागों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी, नोडल अधिकारी, धान उपार्जन केंद्र, सहकारी समितियों के अध्यक्ष/प्राधिकृत अधिकारी, समिति प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति के प्रतिनिधि एवं कंप्यूटर ऑपरेटरों को तीन पालियों में बी.आई.टी. कॉलेज दुर्ग में प्रशिक्षण दिया गया। 
प्रशिक्षण के दौरान कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने संबंधित विभाग अधिकारियों को 15 नवम्बर से शुरू होने वाली धान खरीदी प्रक्रिया के पहले सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जिले के कुल 123 खरीदी केंद्रों (नए व पुराने) में इस वर्ष खरीदी की जाएगी, जबकि 9 नवम्बर से टोकन कटना शुरू हो जाएगा। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि 30 अक्टूबर तक सभी शेष किसानों का एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अगले दो-तीन दिनों में अपने-अपने केंद्रों का निरीक्षण कर लें और जहां भी कोई कमी हो, उसकी जानकारी दें। उन्होंने कहा कि सभी नोडल अधिकारी एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं ताकि सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान हो सके। मोबाइल नेटवर्क, स्टोरेज की स्थिति और ट्रकों के मार्ग में आने वाली बाधाओं (जैसे बिजली तार, पेड़ की डालियां आदि) की जांच पहले ही कर ली जाए। कलेक्टर ने कहा कि 36 संवेदनशील केंद्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। पहली बार नोडल अधिकारी बने अधिकारियों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने धान खरीदी नीति का गहन अध्ययन करने तथा किसी भी शंका के समाधान के लिए ग्रुप में चर्चा करने को कहा। साथ ही प्रत्येक सप्ताह मिलान अनिवार्य रूप से किया जाए और किसानों के रकबा समर्पण की प्रक्रिया समय पर सुनिश्चित की जाए। यदि कोई किसान पूरा बेच दिया तो तत्काल रकबा समर्पण कराए। सर्मपण हेतु घोषणा पत्र प्रारूप खाद्य विभाग से जारी कर दें। खरीदी केंद्रों में कोचिया व बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। खरीदी के दौरान उपस्थित किसानों से उनके दस्तावेज और ऋण पुस्तिका की जांच अवश्य की जाए। कलेक्टर ने मिलर्स के साथ समन्वय बनाए रखने, समय पर धान उठाव सुनिश्चित करने और हमालों को समय पर भुगतान करने के निर्देश दिए। किसी भी विवाद या समस्या की तत्काल सूचना संबंधित अधिकारियों को देने को कहा।
इस दौरान खाद्य अधिकारी श्री अनुराग भदौरिया ने धान उपार्जन केंद्रों में गुणवत्तायुक्त धान की खरीदी, मानक आकार के स्टैक निर्माण, किस्मवार धान की स्टैकिंग, पुराने बारदाने के लेखांकन व मिलान और किसान टोकन तुंहर हाथ की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानों से धान उपार्जन के समय मोटा, पतला और सरना के साथ-साथ उप-किस्मों का विवरण भी सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाए ताकि धान का सही वर्गीकरण हो सके। उप-किस्म के धान का भंडारण मानक स्तर के अनुसार किया जाए। मिलर्स से केवल जूट के बारदाने 40 किलोग्राम धान भराई के मान से ही प्राप्त किए जाएं। बारदाने अच्छे एवं उपयोग योग्य हों। खरीदी केंद्रों में शेड, पेयजल, शौचालय, हेल्थ डेस्क और इलेक्ट्रॉनिक कांटा जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
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