• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
ताज़ा समाचार और भी
ईसाई धर्म में रहना है, तो आंगनबाड़ी में काम छोड़ना होगा- ग्रामीण
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 19 नवम्बर 2025,  11:37 AM IST
  • 66
आंगनबाड़ी सहायिका बन गई ईसाई: बच्चों ने बंद किया जाना

कांकेर। धर्मांतरण का असर अब मासूम बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा में भी नजर आने लगा है। कांकेर जिले के नरहरपुर ब्लॉक के रिसेवाड़ा पंचायत के आश्रित गांव भैंसमुंडी से एक ऐसा मामला सामने आया है। जिससे फिर धर्मांतरण की चिंगारी को हवा दे दी है।भैंसमुंडी गांव में संचालित आंगनबाड़ी की सहायिका के मूल धर्म को छोड़कर आंगनबाड़ी सहायिका बन गई ईसाई: बच्चों ने बंद किया जानाधर्म को अपनाने से नाराज ग्रामीणों ने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजना बंद कर दिया है। जिससे 15 दिन से आंगनबाड़ी में ताला लटक रहा है।गांव में 6 परिवार ने अपनाया था ईसाई धर्म

दरअसल, आंगनबाड़ी सहायिका केसर नरेटी ने काफी पहले ही ईसाई धर्म को अपना लिया था। हाल ही में धर्मांतरण के लगातार तूल पकड़ते मामले के बीच ग्रामीणों ने सहायिका से मूल धर्म में वापसी की मांग की, लेकिन सहायिका ने इसे ठुकरा दिया। ग्रामीणों के अनुसार, गांव में 6 परिवार ने ईसाई धर्म अपनाया था, जिसमें 3 मूल धर्म में वापसी कर ली। लेकिन 3 परिवार अब तक वापस नहीं आया है, जिसको लेकर गांव में बैठक रखी गई थी।

 

अगर उसे इसी धर्म में रहना है, तो आंगनबाड़ी में काम छोड़ना होगा- ग्रामीण
इस दौरान आंगनबाड़ी सहायिका को भी मूल धर्म में वापसी को कहा गया लेकिन उसने साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजना बंद कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि, जब तक मूल धर्म में वापसी नहीं करेगी बच्चों को आंगनबाड़ी नहीं भेजेंगे या अगर उसे इसी धर्म में रहना है, तो आंगनबाड़ी में काम छोड़ना होगा।गांव के लोग बच्चों को नहीं भेज रहे आंगनबाड़ी

वहीं, आंगनबाड़ी सहायिका का कहना है कि, वो किसी भी हाल में ईसाई धर्म को नहीं छोड़ेंगी, ना ही वो नौकरी छोड़ेगी। उन्होंने बताया कि, वो रोज सुबह आंगनबाड़ी आती है, लेकिन गांव के लोग अपने बच्चों को नहीं भेज रहे है।

 

जांच के बाद ही की जाएगी कार्यवाही
महिला एवं बाल विकास की परियोजना अधिकारी सत्या गुप्ता का कहना है कि, मामले की सूचना मिली है जिस पर पर्यवेक्षक को निर्देशित किया गया है, जो कि जांच के बाद रिपोर्ट सौंपेगी उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37

RO. NO 13404/ 37

Add Comment


Add Comment

629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





Get Newspresso, our morning newsletter