• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
ताज़ा समाचार और भी
वन भैंसा और काला हिरण संरक्षण पर उच्चस्तरीय बैठक, संख्या वृद्धि हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 27 नवम्बर 2025,  07:00 PM IST
  • 185
वन भैंसा और काला हिरण संरक्षण पर उच्चस्तरीय बैठक, संख्या वृद्धि हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार

रायपुर। राज्य के राजकीय पशु वन भैंसा एवं काला हिरण (कृष्ण मृग) के संरक्षण और संख्या वृद्धि को लेकर आज विस्तृत विमर्श बैठक आयोजित की गई। बैठक में वन भैंसा संरक्षण की वर्तमान स्थिति, उपलब्ध संसाधन, वैज्ञानिक प्रयासों तथा भविष्य की रणनीति पर गहन चर्चा हुई।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे श्री पाण्डेय ने कहा कि वन भैंसा संरक्षण एक बहु-विभागीय कार्य है, जिसके लिए सभी अधिकारियों और विशेषज्ञों के समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने एक व्यापक कार्ययोजना बनाकर उसके प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया।

डॉ. आर.पी. मिश्रा ने प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से अब तक किए गए संरक्षण कार्यों, वर्तमान संख्या व चुनौतियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वन भैंसा प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा वन्य जीव है और इसके संरक्षण हेतु निरंतर वैज्ञानिक निगरानी जरूरी है।

उदंती-सीतानदी एवं बारनवापारा में अनुकूल वातावरण

बैठक में बताया गया कि उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और बारनवापारा अभयारण्य में वन भैंसों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। वर्तमान में बारनवापारा में 1 नर एवं 5 मादा वन भैंसे मौजूद हैं। वन भैंसों की वास्तविक संख्या व शुद्ध नस्ल की पहचान के लिए जियो-मैपिंग तकनीक अपनाने की योजना भी प्रस्तुत की गई।

साथ ही वन भैंसों के भोजन, रहवास एवं स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए।

स्थानांतरण प्रक्रिया तेज करने के निर्देश

वन भैंसों के स्थानांतरण हेतु नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ एवं NTCA से आवश्यक अनुमतियाँ शीघ्र प्राप्त करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए एक विशेष दल जल्द ही दिल्ली भेजा जाएगा। साथ ही दो पूर्णकालिक पशु चिकित्सकों को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया, ताकि स्थानांतरण व संरक्षण के दौरान वन भैंसों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) की अनुमति लेकर जंगल सफारी सहित अन्य स्थानों पर सैटेलाइट आधारित निगरानी प्रणाली विकसित करने का प्रस्ताव भी रखा गया।


काला हिरण संरक्षण पर भी चर्चा

बैठक में काला हिरण पुनर्स्थापन कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी की गई। लगभग 50 वर्षों के बाद वर्ष 2018 में बारनवापारा अभयारण्य में शुरू किए गए कार्यक्रम के परिणामस्वरूप वर्तमान में लगभग 190 काले हिरण मौजूद हैं।

संरक्षण कार्यों के तहत:

  • बाड़ों में रेत व जल निकासी में सुधार

  • पोषण की निरंतर निगरानी

  • समर्पित संरक्षण टीम की तैनाती

जैसे प्रयास किए गए हैं। सफलता को देखते हुए अन्य अभयारण्यों में भी काला हिरण पुनर्स्थापन की योजना बनाई जा रही है।


बैठक में उपस्थित विशेषज्ञ

बैठक में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री व्ही. माधेश्वरन, मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व सुश्री सतीविशा समाजदार, वनमंडलाधिकारी बलौदाबाजार श्री धम्मशील गनवीर, उप संचालक इंद्रावती टाइगर रिजर्व श्री संदीप बलगा सहित WTI, WII, कामधेनु विश्वविद्यालय एवं अन्य संस्थानों के प्रमुख वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ मौजूद रहे।

RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37

RO. NO 13404/ 37

Add Comment


Add Comment

629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 38
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13404/ 38
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





ताज़ा समाचार और भी
Get Newspresso, our morning newsletter