इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य नक्सल हिंसा से पीड़ित लोगों की पीड़ा को राष्ट्रीय स्तर पर लाना था। पीड़ितों ने बताया कि नक्सली हमलों के कारण उनके जीवन में गंभीर व्यवधान आए हैं। इस मुलाकात के दौरान, गृह मंत्री ने नक्सल पीड़ितों की कहानियों को ध्यान से सुना और उनकी समस्याओं पर गंभीरता दिखाई। उन्होंने इन लोगों के संघर्ष और साहस की प्रशंसा की और आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्य सरकार का योगदान
नक्सल पीड़ितों ने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यों से प्रभावित होकर अपनी बात दिल्ली तक लाने का साहस कर पाए हैं। राज्य सरकार ने जिस तरह से बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों
सुरक्षा प्रयासों को प्राथमिकता दी है, उसने इन लोगों को यह हिम्मत दी कि वे अपनी आवाज़ दिल्ली में उठाएँ।
छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता और सक्रियता से प्रभावित होकर, पीड़ितों ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में जिस प्रकार से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और पुनर्वास के लिए काम किया गया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। राज्य सरकार ने सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी है, जिससे प्रभावित लोगों में नई उम्मीद जागी है।
एक पीड़ित ने बताया, "हमने अपने परिवार, अंग और जीवन की खुशियाँ खोईं, लेकिन राज्य सरकार के प्रयासों ने हमें यह हिम्मत दी कि हम अपनी बात देश की राजधानी दिल्ली तक ला सकें। मुख्यमंत्री साय ने न केवल हमारे दर्द को समझा, बल्कि हमें यह भरोसा दिलाया कि हमारे साथ न्याय होगा।"
-नक्सल पीड़ितों की पीड़ा और संघर्ष
मुलाकात के दौरान नक्सल पीड़ितों ने गृह मंत्री को अपनी आपबीती सुनाई कि कैसे नक्सल हिंसा ने उनके जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। किसी ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया, किसी ने अपने अंग गंवाए, और कई लोग अब भी शारीरिक और मानसिक रूप से इन हमलों के जख्मों से जूझ रहे हैं। एक पीड़ित ने बताया, "नक्सलियों के कारण हमने अपना सब कुछ खो दिया। अब हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी मदद करेगी और हमें न्याय मिलेगा।"
गृह मंत्री ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और आश्वासन दिया कि सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे इन परिवारों का पुनर्वास हो सके और वे एक बार फिर सामान्य जीवन जी सकें।
जंतर मंतर पर पीड़ितों की आवाज़
गृह मंत्री से मुलाकात से पहले, नक्सल पीड़ितों का यह दल जंतर मंतर पर भी पहुँचा था, जहाँ उन्होंने अपनी समस्याओं को आम जनता के सामने रखा। इस आंदोलन का उद्देश्य था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास और शांति को प्राथमिकता दी जाए, और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
एक पीड़ित ने कहा, "हमने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों और विकास कार्यों से प्रेरित होकर अपनी आवाज़ दिल्ली तक पहुंचाने का साहस किया है। अब हमें उम्मीद है कि हमारे गाँवों में स्थायी शांति आएगी और हम अपने जीवन को फिर से सुधार पाएंगे।"
आने वाली योजनाएँ
यह दल 21 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेगा। इस मुलाकात में नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी शांति और विकास के लिए चर्चा की जाएगी। दल के सदस्य राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें सुरक्षा बलों की तैनाती, विकास कार्यों की गति बढ़ाने, और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की माँग की जाएगी।
इस मुलाकात के बाद नक्सल पीड़ितों में एक नई उम्मीद जागी है कि उनके संघर्ष और पीड़ा को अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाएगा। सरकार उनके पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाएगी, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास का नया अध्याय शुरू होगा।
ज्वाला प्रसाद अग्रवाल, कार्यालय शाप न. 2 संतोषी मंदिर परिसर,गया नगर दुर्ग , छत्तीसगढ़, पिनकोड - 491001
+91 99935 90905
amulybharat.in@gmail.com
बैंक का नाम : IDBI BANK
खाता नं. : 525104000006026
IFS CODE: IBKL0000525
Address : Dani building, Polsaipara, station road, Durg, C.G. - 49001
Copyright © Amuly Bharat News ©2023-24. All rights reserved | Designed by Global Infotech
Add Comment