• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
धर्म और भी
माताजी का मंगल विहार और मुनिश्री का मंगल आगमन एक समय में दो लाभ...
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 6 मार्च 2025,  11:46 AM IST
  • 177

सकल जैन समाज के लिए आज का दिवस सदैव याद रहेगा
  दुर्ग।
 जैन समाज का सौभाग्य  स्थानीय दिगंबर जैन मंदिर विद्युत नगर हाउसिंग बोर्ड सकल जैन समाज के लिए आज का दिवस सदैव याद रहेगा। विदित हो आचार्य संत शिरोमणि विद्यासागर महाराज की प्रथम दीक्षित शिष्या माता गुरुमति जी  40 साध्वी माता जी के साथ मंदिर की दर्शन हेतु पधारी।  पश्चात समाज को उनके आहार चर्या का धर्म लाभ भी प्राप्त हुआ। संजय बोहरा ने बताया कि माता जी का सग डोंगरगढ़ से सम्मेद शिखर झारखंड के पद बिहार के लिए निकला है। जिसकी दूरी कम से कम 900 किलोमीटर है।

Image after paragraph

 

Image after paragraph

माताजी के मंगल आगमन पर मांगलिक स्वागत में विशेष रूप से विजय बोहरा, आशीष जैन, सुनील जैन, मुकेश जैन ,संजय बोहरा और स्थानीय महिला मंडलों का विशेष रूप से सहयोग जोर-शोर से रहा। आहार सआनंद संपन्न हुआ। माताजी ने मांगलिक उद्बोधन स्थानीय समाज को दिया। उन्होंने अपने धर्म उद्बोधन प्रवचन में यह बताया समझाया कि हमें अपने आचार,विचार में सरलता, संयम और सहज होना चाहिए। आप की सरलता सहजता आपको निश्चित ही अच्छे मार्ग पर ले जाएगी।

Image after paragraph

माताजी ने आगे बताया की पंचम काल में आप लोगों को धर्म लाभ प्राप्त हो रहा है । उसे व्यर्थ न जाने दे। पश्चात माताजी का मंगल विहार भिलाई की और हो गया। तत्पश्चात आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य पांच  मुनि संग समता सागर जी महाराज का आगमन मंदिर की में हुआ। शहर से आनंद की लहर उमर पड़ी। माताजी का मंगल विहार इधर और उधर मुनि श्री का मंगल आगमन एक समय में दो लाभ, धर्म लाभ स्थानीय समाज को प्राप्त हुआ।

मुनि श्री समता सागर जी ने मंदिर जी का दर्शन कर मंदिर की भव्यता और मंदिर की में श्री जिनेंद्र का दर्शन कर अपने आप को धन्य माना। मुनि श्री ने अपने प्रवचन में बताया की गुरु विद्यासागर जी महाराज के द्वारा जो कार्य आप लोगों ने किया है प्रशंसनीय है। और आगे भी आप लोगों को सदैव धर्म और त्यागी मुनियों के प्रति उत्साह के साथ धर्म लाभ लेना चाहिए।

RO. NO 13220/ 70

RO. NO 13220/ 70

Add Comment


Add Comment

RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





Get Newspresso, our morning newsletter