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अधिक से-अधिक राजीनामा योग्य मामलों का विधि सम्मत निराकरण करने किए जाए हर संभव प्रयास- मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 6 मार्च 2025,  04:43 PM IST

न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन 08 मार्च 2025 को

दुर्ग। वर्ष 2025 की प्रथम नेशनल लोक अदालत 08 मार्च 2025 की तैयारियांे के संबंध में मुख्य न्यायाधिपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय-सह-मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा की अध्यक्षता, न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय-सह-कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल तथा माननीय न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति न्यायमूर्ति नरेश कुमार चन्द्रवंशी की विशिष्ट उपस्थिति में समस्त जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उनके सचिव, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश/न्यायाधीश, अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवा), मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रम न्यायालय के न्यायाधीशों की संयुक्त रूप से बैठक छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ली गई।

उक्त बैठक में माननीय मुख्य न्यायाधिपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय-सह-मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा ने सभी न्यायाधीशों को संबोधित करते हुए व्यक्त किया कि जिस गति से न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है, उसमें यह जरूरी है कि लोक अदालतों के आयोजन में राजीनामा योग्य मामलों का पक्षकारों की आपसी सहमति से विधि सम्मत निराकरण करने का सभी संभव प्रयास किया जाए। मुख्य न्यायाधिपति  रमेश सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि लोक अदालतों के माध्यम से निराकृत प्रकरणों का लाभ जहंा मामले के दोनों पक्षकारों को मिलता है वहीं ऐसे मामलों के निराकृत होने से न्यायालयों में भी लंबित मामलों की संख्या कम होती है, जिससे न्यायालय के पीठासीन अधिकारी राजीनामा योग्य मामलों से हटकर अन्य प्रकृति के लंबित मामलों को निराकृत करने में न्यायालयीन कार्य दिवसों में अधिक समय दे पाते हैं। मुख्य न्यायाधिपति श्री सिन्हा ने 08 मार्च 2025 को आयोजित होने जा रही नेशनल लोक अदालत में राजीनामा प्रकृति के सभी सिविल, आपराधिक एवं अन्य प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में चिन्हांकित कर विधिवत् निराकरण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि पक्षकारों की सहमति से एवं विधि अनुसार अधिक-से-अधिक राजीनामा योग्य मामलों का निराकरण करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी का यथोचित प्रयास अपेक्षित है। 

अवगत हो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2025 हेतु निर्धारित कैलेण्डर अनुसार नेशनल लोक अदालत का आयोजन दिनांक 08 मार्च 2025 को उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों में भी आयोजित किया जा रहा है। छ.ग. के सभी जिलों से प्राप्त अब तक की जानकारी अनुसार 1145874 प्री-लिटिगेशन मामले तथा 66811 न्यायालयों में लंबित सहित कुल 1212685 मामलों का चिन्हांकन किया जा चुका है, जिनके पक्षकारों के मध्य राजीनामा के लिए रखा गया है।


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