रायपुर , मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को गुणवत्ता के आधार पर देश के टॉप 100 शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग में शामिल करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया गया तो अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी पढ़ाई के लिए छत्तीसगढ़ को वरीयता देंगे, जिससे प्रदेश की शैक्षणिक छवि राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ होगी।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देशित किया कि कोरबा, दंतेवाड़ा और रायगढ़ जैसे जिलों में, जहां पर्याप्त डीएमएफ (जिला खनिज निधि) की राशि उपलब्ध है, वहां कुछ महाविद्यालयों को चिन्हित कर, विषय विशेष के राष्ट्रीय स्तर के मॉडल महाविद्यालयों के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे महाविद्यालय न केवल प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए, बल्कि देश-विदेश के विद्यार्थियों के लिए भी अध्ययन का केंद्र बन सकते हैं।
श्री साय ने नवीन शिक्षा नीति के अनुरूप ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ की नीति को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के ख्यातिलब्ध विषय विशेषज्ञों को शिक्षण से जोड़ने से विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान और समसामयिक जानकारियों का सीधा लाभ मिलेगा। इसी क्रम में उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ को और अधिक उन्नत बनाने हेतु विशेष रणनीति और प्रयास किए जाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. भारतीदासन ने विभागीय गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उषा योजना के तहत बस्तर विश्वविद्यालय को मेरु योजना (बहु विषयक शिक्षा एवं शोध विश्वविद्यालय) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। उन्होंने अवगत कराया कि शिक्षा सत्र 2024-25 से प्रदेश के 7 शासकीय तथा 17 निजी विश्वविद्यालयों, 335 शासकीय और 321 निजी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया गया है। उन्होंने इस नीति के विभिन्न प्रावधानों तथा चल रही प्रमुख गतिविधियों की भी जानकारी दी। उच्च शिक्षा सचिव डॉ. भारतीदासन ने रुसा 1.0 और 2.0 के तहत हुए कार्यों की प्रगति, प्राध्यापकों की विभागीय पदोन्नति, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं द्वारा विभिन्न पदों पर भर्तियों की स्थिति तथा आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में भी अवगत कराया। आगामी कार्ययोजनाओं में ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’, कौशल उन्नयन, रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देना तथा कौशल आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देना प्रमुख हैं।
इस बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री बसवराजू एस., उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन सहित उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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