• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
दुर्ग - भिलाई और भी
अक्षय तृतीया पर किया सेवा कार्य: सेवा से मिलता है अक्षय पुण्य: डॉ अजय आर्य, 1000 लोगों को बांटा पानी और नमकीन
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 30 अप्रैल 2025,  09:47 PM IST
  • 84
अक्षय तृतीया पर किया सेवा कार्य: सेवा से मिलता है अक्षय पुण्य: डॉ अजय आर्य, 1000 लोगों को बांटा पानी और नमकीन

दुर्ग। आर्य समाज मंदिर भिलाई दुर्ग के तत्वावधान में आज सेवा कार्य आरंभ किया गया। आचार्य डॉ. अजय आर्य ने इस सेवा में जुड़े सभी लोगों का धन्यवाद किया। राहगीरों और जरूरतमंदों को रेलवे स्टेशन में बिस्कुट नमकीन वॉटर बॉटल बाटी गई। 1000 लोगों को पानी बोतल और नमकीन का वितरण किया गया। इस सेवा कार्य में आर्ट ऑफ लिविंग की वालंटियर मीनाक्षी चंद्राकर, स्पोर्ट्स टीचर रिखेंद्र, तुषार, कृष्णमूर्ति, अश्विनी पटेल के साथ-साथ प्रियांशु और लोमेश जैसे नन्हे बच्चे भी जुड़े। 
डॉ. अजय आर्य ने कहा कि अक्षय तृतीया में लोग धन आदि को अक्षय कभी नष्ट नहीं होने वाला समझकर एकत्रित करते हैं। जबकि सत्य यही है कि आपके जीवन में आपके कर्म ही अच्छे हैं। अच्छा बुरा जो कुछ भी किया है आपने उसका जन्म-जन्मांतर तक हमें फल भोगना पड़ता है। पुण्य का फल अक्षय होता है। पुण्य आपको सत्कर्म करने के लिए प्रेरित करते हैं।

Image after paragraph

आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य संसार का उपकार करना लिखा है। सभी को एक दूसरे के सुख-दुख को बांटने के लिए तैयार रहना चाहिए। प्रार्थना का अर्थ कृतज्ञ है प्रतिदिन आप ईश्वर का धन्यवाद करें कि आपको अच्छा जीवन अच्छे साथी और अच्छा समर्थमिला है। प्रसन्नता और खुशी बांटना ही धर्म का सच्चा रास्ता है। 
आर्य समाज ने अपने इस सेवा कार्य में 1000 लोगों को जल बिस्किट नमकीन आदि बांटा। आर्य समाज, आर्ट ऑफ़ लिविंग, आर्य वीर दल, सनातन संघ जैसे अनेक संस्थाओं ने इस कार्य में सहयोग किया।
कृष्णमूर्ति और तुषार राव ने अपने संस्मरण साझा करते विकास की लोगों को बहुत संकोच होता है। वे बिसलेरी पानी बोतल लेने से मना कर देते हैं क्योंकि उनको लगता है कि पानी पीने के बाद तुरंत उनसे पैसे ना मांगा जाए। हमको बताना पड़ता है कि यह सेवा कार्य है और हम लोग नि:स्वार्थ भाव से पानी के बोतल बाँट रहे हैं । निस्वार्थ भाव पर आजकल लोग सहज रूप से विश्वास नहीं करते किंतु जब वह हमारा काम देखते हैं और दूसरे व्यक्ति को पानी लेते हुए देखते हैं तो फिर हमारे पास आ जाते हैं। फिर पानी के साथ-साथ कुछ खाने के लिए भी है क्या ? पूछने लगते हैं। सेव करके संतोष होता है और हम ईश्वर का धन्यवाद करते हैं। रवि आर्य, सी पी आर्य, सुदर्शन गुप्ता, डॉ. मल्होत्रा, सुरेश कुमार आशुतोष सिंह आदि ने सहयोग किया।

RO. NO 13220/ 70

RO. NO 13220/ 70

Add Comment


Add Comment

RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





ताज़ा समाचार और भी
Get Newspresso, our morning newsletter