जब 'मॉक ड्रिल' शब्द सुनते हैं, तो मन में किसी युद्ध या आपदा की पूर्व तैयारी की छवि आती है, जैसे अग्निशमन अभ्यास, भूकंप सुरक्षा या आतंकी या शत्रु देश के हमलों से बचाव. पर क्या आपने कभी यह सोचा है कि प्राचीन भारत के धर्मग्रंथों में अभ्यास की जानकारी बहुत पहले से थी?
रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत गीता, वेद और गरुड़ पुराण में ऐसे उदाहरण हैं, जहां पूर्वाभ्यास, मानसिक स्थिरता, रणनीतिक संगठन और संकट का पूर्वानुमान केंद्र में रहा है. इन ग्रंथों में न केवल युद्ध या आपदा से पहले की तैयारी का वर्णन मिलता है, बल्कि आत्मा के स्तर पर भी 'ड्रिल' जैसी आध्यात्मिक प्रक्रिया की झलक मिलती है.
1. श्रीमद्भागवत गीता: मानसिक मॉक ड्रिल (Mock Drill) का सर्वोत्तम उदाहरण
'योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय.
सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते॥'
(गीता 2.48)
श्लोक का अर्थ
सीख:
संकट के समय भावनात्मक नियंत्रण, नीतिगत स्पष्टता और कर्तव्य-बोध ही व्यक्ति की सबसे बड़ी सुरक्षा है.
2. रामायण: लंका युद्ध से पूर्व रणनीतिक पूर्वाभ्यास और संगठन
उदाहरण 1: सेतुबंध से पहले रणनीति
उदाहरण 2: हनुमान की लंका यात्रा
यह यात्रा एक 'Simulation Exercise' जैसी थी, जहां हनुमान जी ने शत्रु की जमीन में घुसपैठ कर सूचना जुटाई. इसके बाद लंका पर विजय का रास्ता साफ हुआ.
सीख:
रामायण के इस प्रसंग से ये ज्ञान मिलता है कि 'आश्चर्यचकित' होकर प्रतिक्रिया नहीं दी जाती, बल्कि पहले से सोची-समझी तैयारी के साथ संकट का सामना होता है.
3. महाभारत: युद्ध से पहले प्रशिक्षण और अभ्यास का महत्व
प्रमुख पात्र: द्रोणाचार्य
सीख:
महाभारत की इस घटना से पता चलता है कि संकट में जो सेना पहले से अभ्यासशील होती है, वही विजयी होती है. इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए.
4. वेदों और उपनिषदों में चेतना और सतर्कता की सीख
ऋग्वेद मंत्र: 'अग्ने त्वं परिभूरसि.'
(ऋग्वेद 1.1.8)
श्लोक का अर्थ: हे अग्निदेव, आप हमारी रक्षा करें.
बृहदारण्यक उपनिषद:
'आत्मानं विद्धि.' , स्वयं को जानो. यानि स्वयं की प्रकृति, प्रतिक्रिया और भावनाओं को पहले से समझना ही आत्म-ड्रिल है.
5. गरुड़ पुराण: मृत्यु से पहले की तैयारी यानी मोक्ष ड्रिल
6. गुरु-शिष्य परंपरा में पूर्वाभ्यास का महत्व
आध्यात्मिकता ज्ञान में छिपी है आधुनिक मॉक ड्रिल (Mock Drill) की जड़ तो कहना गलत न होगा. मॉक ड्रिल कोई आधुनिक अवधारणा नहीं है, बल्कि भारत की आध्यात्मिक परंपरा का एक गूढ़ स्वरूप है.
गीता में इसे मानसिक ड्रिल, रामायण में रणनीतिक योजना, महाभारत में युद्ध अभ्यास, और वेदों में प्राकृतिक संकट से सुरक्षा, ये सभी मिलकर सिद्ध करते हैं कि भारत ने हजारों साल पहले ही Disaster Management की नींव रख दी थी.
ज्वाला प्रसाद अग्रवाल, कार्यालय शाप न. 2 संतोषी मंदिर परिसर,गया नगर दुर्ग , छत्तीसगढ़, पिनकोड - 491001
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