• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
व्यपार और भी
भारत के व्यापारी देंगे तुर्की की एहसान फरामोशी का जवाब, उत्पादों को इंपोर्ट करने से किया इंकार
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 14 मई 2025,  10:36 PM IST
  • 271
भारत के व्यापारी देंगे तुर्की की एहसान फरामोशी का जवाब, उत्पादों को इंपोर्ट करने से किया इंकार

ऑपरेशन सिंदूर 'के समय तुर्की ने भारत का साथ न देकर बल्कि पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा। भारतीय सेना और आम लोगों को निशाना बनाने के लिए पड़ोसी देश को ड्रोन एवं हथियारों की आपूर्ति की। जबकि फरवरी 2023 में तुर्की में आए बेहद भयंकर और महाविनाशकारी भूकंप में भारत मदद करने वाले पहले देशों में से एक था। इसके विरोध में गाजियाबाद के साहिबाबाद में फल विक्रेताओं ने तुर्की के सेबों का बायकॉट करने का फैसला लिया है।

बता दें, तुर्की में आए भयंकर भूकंप के दौरान भारत की ओर से 'ऑपरेशन दोस्त' चलाकर तुर्की के लोगों की मदद की गई थी। जिसमें 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत भारत ने तुर्की में जाकर न केवल लोगों को बचाया था, बल्कि बड़ी तादाद में राहत सामग्री भी भेजी थी। इसके बावजूद भी तुर्की पाकिस्तान के साथ खड़ा मिला।

 

तुर्की के सेबों का बायकॉट करने का फैसला
गाजियाबाद के साहिबाबाद में फल विक्रेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान का सपोर्ट करने के लिए तुर्की के सेबों का बायकॉट करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों से हम व्यापार नहीं करेंगे। बता दें, तुर्की से भारत में करीब हर साल 1,000 से 1,200 करोड़ रुपए के सेब आयात किए जाते हैं।

तुर्की से नहीं खरीदेंगे सामान
व्यापारियों का कहना है कि अब हम सेब हिमाचल या फिर किसी अन्य भारतीय राज्य से खरीदेंगे। जानकारी के अनुसार तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के कारण मार्बल उद्योग ने भी आयात को बायकॉट करने का फैसला किया है। ऐसे में तुर्की को काफी आर्थिक चोट पहुंचने की संभावना है। सोशल मीडिया पर भी तुर्की बायकॉट ट्रेंड कर रहा है और लोग तुर्की घूमने की अपनी योजनाओं को ठंडे बस्ते में डालने का मन बना चुके हैं।

RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37

RO. NO 13404/ 37

Add Comment


Add Comment

629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





Get Newspresso, our morning newsletter