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अलका बाघमार और वित्त विभाग प्रभारी नरेन्द्र बंजारे शहरी सरकार ने कहा और कर दिखाया भ्रष्टाचार व टालमटोल मुक्त प्रणाली कीओर एक बड़ा कदम
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 16 मई 2025,  05:49 AM IST
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दुर्ग नगर निगम की यह पहल दर्शाती है कि जब राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रशासनिक ईमानदारी एक साथ होती है, तो पुरानी और जटिल समस्याओं का समाधान भी संभव है। यह सिर्फ एक राहत नहीं, बल्कि स्थायी व्यवस्था की नींव है – जहाँ कर्मचारी अधिकारों के लिए दर-दर न भटकें, बल्कि उन्हें उनका हक सम्मानपूर्वक और समय पर प्राप्त हो। महापौर अलका बाघमार और वित्त विभाग प्रभारी नरेन्द्र बंजारे सरकार यह कर दिखाया, सूचि देखे आपका नाम किस क्रमांक पर है

ज्वाला एक्सप्रेस न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट | दुर्ग से विशेष

दुर्ग।वर्षों से नगर निगम कार्यालयों की चौखटों पर चक्कर लगाते कर्मचारियों के चेहरों पर अब राहत और उम्मीद की रौशनी लौट आई है। दुर्ग नगर निगम ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 8 करोड़ रुपये की ग्रेच्युटी भुगतान हेतु पात्र कर्मचारियों की सूची सार्वजनिक कर दी है। यह कदम महापौर अलका बाघमार और वित्त विभाग प्रभारी नरेन्द्र बंजारे के नेतृत्व में उठाया गया, जो सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही की नीति को दर्शाता है।

महापौर अलका बाघमार का स्पष्ट संदेश है—
"कर्मचारी हमारे तंत्र की रीढ़ हैं। उनके अधिकारों की रक्षा और न्यायपूर्ण भुगतान हमारी प्राथमिकता है।"

यह केवल एक घोषणा नहीं, बल्कि "कहा और कर दिखाया" की जीवंत मिसाल है। वर्षों से लंबित उपादान भुगतान अब पारदर्शी, समयबद्ध और भ्रष्टाचार मुक्त प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।

क्या हुआ है खास:
सार्वजनिक की गई सूची में 300 लगभग  से अधिक कर्मचारी शामिल, जो 5 वर्ष या उससे अधिक की सेवा दे चुके हैं।

8 करोड़ रुपये लगभग  से अधिक की राशि का भुगतान निर्धारित।

विभागीय बिचौलियों और फाइलों की धूल को हटाकर अब सीधे और निष्पक्ष कार्रवाई की शुरुआत।

कर्मचारी सूची जारी: देखिए आपका नाम किस क्रम में है!
अब कर्मचारी अपनी स्थिति जानने के लिए जारी सूची देख सकते हैं। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भरोसा भी लौटेगा।

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 आगे की दिशा:
भुगतान प्रक्रिया पर निगरानी के लिए विशेष प्रकोष्ठ के गठन की संभावना।

भविष्य में तिमाही समीक्षा की मांग को भी बल मिलेगा।

शासन-प्रशासन के बीच विश्वास की नई शुरुआत।

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 निष्कर्ष:
दुर्ग नगर निगम की यह पहल दर्शाती है कि जब राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रशासनिक ईमानदारी एक साथ होती है, तो पुरानी और जटिल समस्याओं का समाधान भी संभव है। यह सिर्फ एक राहत नहीं, बल्कि स्थायी व्यवस्था की नींव है – जहाँ कर्मचारी अधिकारों के लिए दर-दर न भटकें, बल्कि उन्हें उनका हक सम्मानपूर्वक और समय पर प्राप्त हो।


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