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इंदौर में अब जानवरों का भी होगा सम्मानजनक अंतिम संस्कार, जमीन में दफनाने की परंपरा खत्म
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 29 मई 2025,  06:23 PM IST
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इंदौर में अब जानवरों का भी होगा सम्मानजनक अंतिम संस्कार, जमीन में दफनाने की परंपरा खत्म

ज्वाला एक्सप्रेस न्यूज | इंदौर

इंदौर नगर निगम ने शहर को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब शहर में मरे हुए जानवरों को जमीन में गाड़ने की बजाय उनका विधिवत अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस कार्य के लिए नगर निगम ने हरियाणा की माइक्रोटेक कंपनी से 5 साल का करार किया है। कंपनी अंतिम संस्कार प्लांट का निर्माण, संचालन और रखरखाव करेगी। इस योजना पर लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

अब तक मृत जानवरों को गड्ढा खोदकर दफनाया जाता था, जिससे बदबू फैलती थी और भूजल भी प्रदूषित होता था। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए नगर निगम ने निजी कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। पांच कंपनियों ने रुचि दिखाई, जिनमें से माइक्रोटेक को चुना गया।

इंदौर बनेगा मध्यप्रदेश का पहला शहर

नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के अनुसार, यह योजना लागू होने के बाद इंदौर मध्यप्रदेश का पहला ऐसा शहर होगा जहां जानवरों का अंतिम संस्कार एक सुनियोजित प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। भविष्य में इस प्लांट में पालतू जानवरों का भी अंतिम संस्कार किया जा सकेगा, जिसके लिए एक तय शुल्क वसूला जाएगा।

भोपाल और ग्वालियर पहले ही अपना चुके हैं तकनीक

भोपाल में 5 करोड़ की लागत से पहले ही एनिमल इंसीनरेटर लगाया जा चुका है, जहां रोजाना 35-40 मृत जानवरों का अंतिम संस्कार होता है। यह संयंत्र एक घंटे में 300 किलो और पूरे दिन में लगभग 4 टन शवों का निपटारा कर सकता है। डबल स्क्रबर तकनीक से युक्त इस सिस्टम से केवल 5% राख ही निकलती है, और धुएं में मौजूद हानिकारक तत्वों को फिल्टर किया जाता है।

ग्वालियर के केदारपुरा क्षेत्र में भी करीब 7–8 करोड़ रुपए की लागत से दो इंसीनरेटर लगाए गए हैं।

अन्य शहरों में भी पहले से लागू है व्यवस्था

दिल्ली, आगरा, कोटा जैसे शहरों में पहले से ही यह व्यवस्था अस्तित्व में है। आगरा में तो अंतिम संस्कार के बाद पशु अस्थियां उनके मालिकों को विसर्जन हेतु सौंपी जाती हैं।

 

इंदौर का यह कदम न केवल पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पशु सम्मान की दिशा में भी एक नई पहल है।

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