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छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ 18 जून को करेगा प्रदर्शन, 13 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपेगा ज्ञापन
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 15 जून 2025,  08:45 PM IST
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छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ 18 जून को करेगा प्रदर्शन, 13 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपेगा ज्ञापन

दुर्ग, छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप यादव ने जानकारी दी है कि संघ की प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक 18 मई 2025 को रायपुर स्थित प्रदेश कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, यदि राज्य सरकार द्वारा 18 जून 2025 तक महंगाई भत्ते सहित संघ की 13 सूत्रीय मांगों पर निर्णय नहीं लिया जाता है, तो संघ प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में 18 जून को भोजनावकाश के दौरान विरोध प्रदर्शन करेगा और माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपेगा।

श्री यादव ने बताया कि वर्तमान में केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनरों को 55% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को अभी तक यह लाभ नहीं मिला है। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि केंद्रीय एवं अविभाजित मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को 240 दिन के स्थान पर 300 दिन का अवकाश नगदीकरण की सुविधा दी जा रही है।

संघ की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:

छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को भी 55% महंगाई भत्ता प्रदान किया जाए।

सभी संवर्गों (शिक्षक/लिपिक आदि) की वेतन विसंगति दूर करने हेतु गठित समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।

सेवा काल में चार स्तरीय वेतनमान का आदेश जारी किया जाए।

उत्तर प्रदेश की तरह राज्य के अधिकारियों/कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

लंबित पदोन्नति प्रक्रियाएं शीघ्र पूर्ण की जाएं।

संविदा/दैनिक/अनियमित कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमित किया जाए।

सेवा सुरक्षा कानून मध्यप्रदेश की तर्ज पर लागू किया जाए।

श्रम सम्मान निधि का भुगतान पुनः सभी विभागों को सुनिश्चित किया जाए।

अनुकंपा नियुक्ति से आए लिपिकों की कौशल परीक्षा की व्यवस्था कार्यालय प्रमुखों को दी जाए।

आकस्मिक निधि से सेवा निवृत्त कर्मचारियों को अवकाश नगदीकरण की अनुमति दी जाए।

नियुक्ति के एक वर्ष के भीतर मृत्यु होने पर अनुग्रह अनुदान की सुविधा दी जाए।

संघों को अविभाजित मध्यप्रदेश की भांति स्थायी मान्यता प्रदान की जाए।

शिक्षकों के युक्तिकरण में हुई विसंगतियों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

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