नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं। एग्जिट पोल में इंडिया गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस को इस बार 40 से 48 सीट मिलने का अनुमान है। बीजेपी को 27 से 32 सीट मिलने का अनुमान है। पीडीपी को 6 से 12 सीट मिलने की बात सामने आई है। अन्य को भी 6-10 सीट मिलने का अनुमान है। 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है। इन चुनावों में बीजेपी को झटका लगता दिख रहा है। जम्मू रीजन में सी-वोटर सर्वे के अनुसार बीजेपी को 43 में 29-31 सीट मिलने की का अनुमान है। एग्जिट पोल के अनुसार जम्मू में बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। वहीं, कश्मीर में बीजेपी का सूपड़ा साफ होता दिख रहा है। अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद यह पहला चुनाव है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बीजेपी को इस झटके की वजह क्या है।
कश्मीर में बीजेपी को बड़ा झटका
कश्मीर में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। कश्मीर में बीजेपी को 0-1 सीट मिलने का अनुमान है। एग्जिट पोल सर्वे के अनुसार यह साफ है कि बीजेपी को घाटी में अनुच्छेद 370 हटाने का फायदा नहीं मिल रहा है। चुनावी विश्लेषकों के अनुसार बीजेपी जम्मू रीजन में पहले से ही बेहतर प्रदर्शन कर रही थी। ऐसे में इस बार घाटी में उसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। सी-वोटर सर्वे के अनुसार बीजेपी को यहां प्रदर्शन में पिछली बार की तरह ही रहा है। पिछली बार भी बीजेपी की सभी 24 सीट जम्मू रीजन से ही थी। पार्टी ने कश्मीर में 20 उम्मीदवार उतारे थे।
जम्मू तक सिमटने से असर
भाजपा की जम्मू रीजन की 43 सीटों पर फोकस करना रहा। 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 43 सीटें जम्मू क्षेत्र में आती है और यह इलाका हिंदू बहुल क्षेत्र है। वहीं, कश्मीर घाटी में 47 सीटें आती हैं। पिछले कुछ विधानसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु परिणाम सामने आए। सीएम बनने वाले अधिकतर नेता घाटी से ही ताल्लुक रखते थे, लेकिन गुलाम नबी आजाद थे, जो जम्मू से ताल्लुक रखते थे। साल 2014 में जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में भाजपा ने जम्मू क्षेत्र की 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने पीडीपी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी। तब भाजपा को डिप्टी सीएम का पद मिला था।
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