• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
जरा हट के और भी
जनता के हित में सूचना का अधिकार अधिनियम पर कार्यशाला आवश्यक – आवेदकों की मांग
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 18 जून 2025,  02:39 PM IST
  • 394
जनता को गुमराह करने के लिए सूचना के अधिकार के तहत कार्यशाला आयोजित किया जाता है जिसमें सिर्फ अधिकारी और कर्मचारियों को ही उपस्थित होने का न्योता दिया जाता है जिससे वह सिख सके जनता को किस तरह गुमराह कर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त करने से वंचित किया जाए विनायक ताम्रकार किसान नेता व आरटीआई कार्यकर्ता !

प्रमुख सवाल उठे: क्या बीस वर्षों में अधिकारी भी पूरी तरह से अधिनियम को नहीं समझ पाए? आम नागरिकों को जागरूक करने के लिए आयोग ने कभी कोई कार्यशाला क्यों नहीं की? क्या केवल अधिकारियों को बुलाना धन और समय की बर्बादी नहीं?

सूचना के अधिकार के तहत आयोजित होने वाले कार्यशाला में आम नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है। आम नागरिकों को  सूचना के अधिकार आवेदन में आने वाली दिक्कतों का समाधान कैसे किया जाए यह जानने काअधिकार होना चाहिए।
राजू चंद्राकर 
पूर्व जनसूचना अधिकारी, नगर निगम दुर्ग

 

दुर्ग। राज्य सूचना आयोग द्वारा 20 जून को दुर्ग जिला कार्यालय के सभागृह में आयोजित की जा रही सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 पर एक दिवसीय कार्यशाला में केवल अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है, जबकि आवेदकों एवं आम जनता को इससे दूर रखा गया है। इस एकतरफा आयोजन पर जनप्रतिनिधियों एवं जागरूक नागरिकों ने सवाल खड़े किए हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम को लागू हुए दो दशक हो चुके हैं, इसके बावजूद इसके बेहतर क्रियान्वयन की समस्याएं अब भी बनी हुई हैं।

इस कार्यशाला में अधिकारियों को प्रशिक्षण देना निश्चित रूप से आवश्यक है, परंतु अधिनियम से जुड़ी सबसे अधिक समस्याओं का सामना तो आम आवेदकों को ही करना पड़ता है। फिर उन्हें इस प्रक्रिया से क्यों वंचित रखा जा रहा है? आवेदकों का कहना है कि अगर सूचना आयोग की मंशा पारदर्शिता और जवाबदेही की है, तो हर जिले में आयोजित ऐसी कार्यशालाओं में एक खुला सत्र आम नागरिकों और आवेदकों के लिए भी रखा जाना चाहिए। यह एक घंटे का सत्र हो सकता है, जिसमें वे अपनी समस्याएं रख सकें और अधिनियम की प्रक्रिया को बेहतर समझ सकें।

प्रमुख सवाल उठे: क्या बीस वर्षों में अधिकारी भी पूरी तरह से अधिनियम को नहीं समझ पाए? आम नागरिकों को जागरूक करने के लिए आयोग ने कभी कोई कार्यशाला क्यों नहीं की? क्या केवल अधिकारियों को बुलाना धन और समय की बर्बादी नहीं? आयोग की नियत पर उठे सवाल – क्या केवल लोक सेवकों को लाभ देना उद्देश्य है? जागरूक नागरिकों की मांग है कि आने वाली कार्यशालाओं में एक "जन-सत्र" सुनिश्चित किया जाए, जिसमें कोई भी भाग ले सके। इससे अधिनियम के उद्देश्य – पारदर्शिता और जवाबदेही – को सही मायनों में बल मिलेगा। यह कार्यक्रम तभी

 

 

 

RO. NO 13220/ 70

RO. NO 13220/ 70

Add Comment


Add Comment

RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





ताज़ा समाचार और भी
Get Newspresso, our morning newsletter