• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
दुर्ग - भिलाई और भी
जिले के न्यायालय से अब इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जारी होंगे समन और वारंट
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 27 जून 2025,  07:10 PM IST
  • 114
जिले के न्यायालय से अब इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जारी होंगे समन और वारंट

दुर्ग, / भारत की न्याय व्यवस्था डिजिटल क्रांति के दौर से गुज़र रही है, जिससे न्याय विभाग भी अछूता नहीं है। न्यायपालिका को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक क़दम उठाते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा वर्चुअल मोड़ के माध्यम से राज्य के सभी ज़िलों में आपराधिक मामलों के लिए ई-समन सुविधा का आधिकारिक शुभारंभ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, माननीय न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की अध्यक्षता में 25 जून को किया गया है।

    इसी क्रम में 26 जून को प्रधान जिला न्यायाधीश, दुर्ग के निर्देशन में ज़िले के सभी न्यायालयों में नियुक्त कोर्ट मोहर्रिर को इस नई व्यवस्था से रूबरू कराने की पहल करते हुए प्रशिक्षण प्रदान किया गया। ई- समंत्रणाली न्यायिक प्रक्रिया में तकनीकी सुधारों के अंतर्गत समाविष्ट किया गया एक महत्वपूर्ण नवाचार है। ई- समन प्रणाली लागू होने से इसके माध्यम से न्यायालय से जारी समन और वारंट सीधे डिजिटल रुप में संबंधित थानों को प्राप्त होंगे। न्यायालयों में पदस्थ कोर्ट मोहर्रिर संबंधित प्रकरणों में आदेश अनुसार ई- समन और वारंट सीआईएस (केस इंफॉर्मेशन सिस्टम ) के माध्यम से कुछ क्लिक में जारी कर सकेंगे जो सीधे पुलिस विभाग के आईसीजेएस सिस्टम के माध्यम से संबंधित पुलिस थानों में साझा हो जाएँगे । संबंधित थाने के सिपाही उस समन को संबंधित व्यक्ति के घर पहुंचकर, फोटो खींचकर तामील कर रिपोर्ट अपडेट करने के बाद न्यायालय वापस भेजेंगे।इसमें तामील प्रक्रिया की पूरी जानकारी भी हर स्तर पर ऑनलाइन अपडेट होगी। अब न्यायाधीश एवं न्यायालय के अधिकारी ई समन, वारंट तामील की जानकारी हर स्तर पर ऑनलाइन चेक कर सकेंगे। प्रशिक्षण के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग ने उपस्थित कोर्ट मोहर्रिर एवं पुलिस आरक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह व्यवस्था न्यायिक प्रक्रिया को और तेज तथा पारदर्शी बनाते हुए ई कोर्ट मिशन मोड़ प्रोजेक्ट और डिजिटल इंडिया पहल के साथ जुड़ने की न्यायालय की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेगी। इससे न्यायिक प्रक्रिया में और तेज़ी आएगी तथा समय की भी बचत होगी।

RO. NO 13220/ 70

RO. NO 13220/ 70

Add Comment


Add Comment

RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





ताज़ा समाचार और भी
Get Newspresso, our morning newsletter