मुंह में छाले या जलन जैसे लक्षणों को हल्के में लेना आपका जबड़ा खराब कर सकता है। ऐसा ही एक केस एम्स भोपाल से सामने आया है। 62 वर्षीय महिला में ओरल इन्फेक्शन की शुरुआत डेढ़ साल पहले इन्हीं लक्षणों से हुई थी। धीरे-धीरे यह दर्द और जबड़े के टेढ़े पन में तबदील हो गई। महिला बीते एक साल से अहमदाबाद से लेकर दिल्ली तक में इलाज के लिए भटकती रहीं। फिर AIIMS भोपाल पहुंची। जहां उनमें मध्यप्रदेश की पहली आर्टिफिशियल जॉ रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई।
महिला के लिए बनी विशेष टाइटेनियम प्लेट AIIMS भोपाल के डॉक्टरों ने महिला के लिए कस्टम-निर्मित टाइटेनियम प्लेट बनवाई। जो महिला के जबड़े से मेल खाती हो। इसके बाद इसे इंप्लांट किया गया। सर्जरी करने वाले एम्स भोपाल के मैक्सोफेशियल सर्जन डॉ. बीएल सोनी के अनुसार, यह जटिल सर्जरी थी।
पहले महिला के जबड़े जैसा 3डी प्रिंटर से एक मॉडल तैयार किया गया। पूरी टीम ने उस पर सर्जरी कर प्रेक्टिस की। इसके बाद महिला की सर्जरी की गई।
पूरा जबड़ा खोला गया डॉ. सोनी ने बताया कि सर्जरी के दो विकल्प थे। एक में महिला के शरीर की हड्डी का उपयोग कर नया जबड़ा बनाया जा सकता था। लेकिन, महिला मधुमेह समेत कई बीमारियों से ग्रसित थी। ऐसे में आर्टिफिशियल जबड़ा बनाया गया। यह टाइटेनियम से तैयार किया गया है। इसे खराब हो चुके जबड़े के स्थान पर लगाया गया। इस दौरान पूरा जबड़ा खोलना पड़ा।
अहमदाबाद में हुई थी दो असफल सर्जरी महिला सबसे पहले इलाज के लिए अहमदाबाद के निजी अस्पताल गई थी। वहां, पहली सर्जरी में जबड़े को उसकी पुरानी स्थिति में लाने के लए नॉर्मल टाइटेनियम प्लेट लगाई गई। दो माह बाद टूट गई, ऐसे में महिला फिर उसी अस्पताल में पहुंची। वहां, डॉक्टरों ने फिर एक नई प्लेट लगाई और वो तीन महीने बाद टूट गई। इसके बाद महिला एम्स दिल्ली गई, जहां लंबी वेटिंग थी। इसी दौरान उसे एम्स भोपाल के मैक्सोफेशियल सर्जन डॉ. बीएल सोनी के बारे में जानकारी मिली। डॉ. सोनी भी एम्स दिल्ली से एम्स भोपाल आए हैं। ऐसे में वे सर्जरी के लिए एम्स भोपाल आईं।
रोगी के लिए जीवन बदलने वाला इलाज डॉ. सोनी के नेतृत्व में एक बहू-विशेषज्ञ टीम ने रोगी की स्थिति का मूल्यांकन किया और वर्चुअल सर्जिकल प्लानिंग की मदद से सटीक इंप्लांट तैयार किया। इसे एक ठोस टाइटेनियम ब्लॉक से तैयार किया गया, जो पारंपरिक 3D प्रिंटेड प्लेट्स की तुलना में कहीं अधिक मजबूत होता है।
एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा, एम्स भोपाल न केवल तकनीक-सक्षम और न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी में अग्रणी है, बल्कि मरीज-केंद्रित देखभाल के लिए भी प्रतिबद्ध है।
क्या है मैक्सोफेशियल सर्जरी यह एक विशेष प्रकार की शल्य चिकित्सा है जो चेहरे, जबड़े, मुंह और खोपड़ी की जटिल संरचनाओं की मरम्मत व पुनर्निर्माण से जुड़ी होती है। इसमें 3D तकनीक, इमेजिंग, और कस्टम इंप्लांट का उपयोग होता है।
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